मोहन यादव को हटाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं डेप्युटी सीएम? विधायक के लेटर में कई चौंकाने वाले खुलासे

भोपाल:

मध्य प्रदेश की सियासत एक बार फिर से गर्म हो गई है। रीवा जिले से इकलौते कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को एक लेटर लिखा है। इस लेटर में उन्होंने कई ऐसी बातें लिखी हैं जिससे प्रदेश की सिसायत में उबाल ला दिया। कांग्रेस विधायक ने सीएम को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के डेप्युटी सीएम राजेन्द्र शुक्ल प्रदेश का सीएम बनने की लॉबिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि डेप्युटी सीएम अप्रत्यक्ष तौर पर अधिकारियों को डरा और धमका रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों निलंबित करने की धमकी तक दी है। बता दें कि रीवा की 8 विधानसभा सीटों में से केवल सेमारिया विधानसभा सीट पर ही कांग्रेस को जीत मिली थी।

विधायक अभय मिश्रा ने डेप्युटी सीएम को डीसीएम कहकर संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र में विकास कार्य रहे हैं। सभी विधानसभाओं में अनावश्यक हस्तक्षेप कर रहे हैं। ये पद का दुरुपयोग कर रहे हैं, जबकि हमारी नॉलेज में इनका पद कैबिनेट द्वारा दिया हुआ दर्जा है। कैबिनेट के मुखिया सीएम होते हैं, इस नाते उनको असीमित अधिकार है।”

कैबिनेट मंत्री का दर्जा है उनको
अभय मिश्रा ने कहा- ”इनका दर्जा कैबिनेट मंत्री का है, लेकिन यह अधिकारियों पर दबाव बनाते हैं कि निलंबित करा देंगे। ट्रांसफरकर देंगे। ये मुख्यमंत्री बनने का प्रयास कर रहे हैं। ये श्रीनिवास तिवारी बनने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि श्रीनिवास तिवारी उप मुख्यमंत्री नहीं थे। उन्होंने अपने लेटर में लिखा- कई बार उन्हें रीवा में नींद नहीं आती है वे बेचैन रहते हैं जिस कारण से वह मेरे विधानसभा क्षेत्र में रात्रि विश्राम करने के लिए आते हैं।

क्या उन्हें सीएम की शक्तियां प्राप्त हैं
अभय मिश्रा ने अपने लेटर में पूछा है कि आप मुझे बताएं की क्या डीसीएम को मुख्यमंत्री की शक्तियां प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि सेमारिया में गौशाला के नाम पर उन्होंने करोड़ों का खेल किया है। बता दें कि अभय मिश्रा ने बीजेपी उम्मीदवार केपी त्रिपाठी को 630 वोटों से चुनाव हराया था। अभय मिश्रा कई बार पार्टी बदल चुके हैं। वह एक बार बीजेपी से विधायक रह चुके हैं। उनकी पत्नी भी बीजेपी से विधायक रह चुकी हैं।

क्या मैं उन्हें सीएम मान लूं
सेमरिया विधायक अभय मिश्रा ने कहा मीडिया से चर्चा करते हुए कहा , ”ये बात अलग है कि कोई इनको स्वीकार नहीं किया। ये मुख्यमंत्री के द्वारा दिए गए पद पर बैठकर उन्हीं के खिलाफ षडयंत्र कर रहे हैं। मैंने मुख्यमंत्री जी से पूछा है कि प्रदेश का मुखिया एक ही है या उसमें भी डिवाइडेशन है। अगर वो बता दें कि ये हिस्से बांट का है, तो मैं इनको भी सीएम मान लूं।”

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