पेरिस ,
रेसलर अमन सहरावत ने वो कर दिखाया जो आज तक ओलंपिक इतिहास में नहीं हुआ था. वह अपने 21वें जन्मदिन के एक महीने से भी कम समय बाद 57 किग्रा फ्री-स्टाइल वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले भारत के सबसे कम उम्र के ओलंपियन बन गए हैं. पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को छठा मेडल मिला है. अमन ने इस दौरान बताया कि ब्रॉन्ज मेडल से पहले उन्होंने वजन घटाया था. वहीं उन्होंने शुरुआती कुश्ती, माता-पिता को लेकर भी बात की.
भारतीय पहलवान अमन सहरावत ने मेन्स फ्रीस्टाइल 57 किलो भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता. अमन ने 9 अगस्त को खेले गए ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज को 13-5 से हराया. अमन ओलंपिक में मेडल जीतने वाले सातवें भारतीय रेसलर बन गए हैं. ब्रॉन्ज मेडल मैच के दौरान अमन की नाक में चोट लग गई थी, इसके बावजूद वह डटे रहे
अमन ने इस दौरान बताया कि उनका वजन भी रेसलिंग के ब्रॉन्ज मेडल मैच से पहले बढ़ा हुआ था, ऐसे में उन्होंने भी इसे घटाया. अमन का वजन सेमीफाइनल में हारने के बाद करीब बढ़कर 61.5 हो गया था. जिसे उन्होंने 4.6 किलोग्राम तक घटाकर कम किया.
अमन ने कहा रात में जिम में जॉगिंग की. रेसलिंग एरिना के बाहर जाकर विंडचीटर जैकेट पहनी यह सब 2-3 घंटे किया था. जिस वजह से वजन कम हुआ. अमन से जब पूछा गया कि आपको ओलंपिक के मेस में खाना खाते हुए किसी ने नहीं देखा, इस पर उन्होंने कहा- मैं अपना खाना भारत से ही लेकर आया था. खाने का मैं बहुत ध्यान रखता हूं, ताकि वजन मैंटेन रहे.
ध्यान रहे भारत की रेसलर विनेश फोगाट महिलाओं की 50 किग्रा फ्री स्टाइल कुश्ती कैटगरी में गोल्ड मेडल मैच से पहले डिसक्वालिफाई कर दी गईं थी क्योंकि उनका वजन तय मानक से 100 ग्राम ज्यादा था. ऐसे में एक रेसलर को ओलंपिक और अन्य इंटरनेशनल मैचों में कैसे वजन मेंटेन करना होता है, यह भी एक जंग से कम नहीं है.
‘आज भी माता-पिता को मिस करता हूं’
अमन सहरावत हरियाणा के झज्जर जिले के बिरोहर से हैं, यहां उन्होंने शुरू में मिट्टी की कुश्ती में खेलना शुरू किया. 2012 ओलंपिक में सुशील कुमार ने जब सिल्वर मेडल जीता तो उनसे ही प्रेरित होकर 10 साल की उम्र में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में आ गए. जब वह 11 साल के थे, तब उनके माता-पिता दोनों की अलग-अलग बीमारी की वजह से मौत हो गई.
अमन ने इस दौरान कहा कि वह आज भी हर दिन अपने माता-पिता को मिस करते हैं. ब्रॉन्ज मेडल विनर अमन ने बताया कि उनके मां बाप यही चाहते थे कि मैं अच्छा पहलवान बन जाऊं. अमन ने कहा- जब मैं छत्रसाल स्टेडियम आया तो पता चला कि अच्छा पहलवान वही होता है जो ओलंपिक में मेडल जीतता है. बस तब से यही टार्गेट था कि अच्छा पहलवान बनना है और मेडल जीतना है.
तारक मेहता का उल्टा चश्मा के फैन हैं अमन सहरावत
अमन सहरावत ने इस इंटरव्यू में यह भी बताया कि जब वह खाली समय में होते हैं तो तारक मेहता का उल्टा चश्मा टीवी शो देखना पसंद करते हैं. वहीं आगे के प्लान को लेकर अमन ने कहा कि घर जाकर वह अब आने वाले कंपटीशन की तैयारियों में जुटेंगे.
कुश्ती में भारत के अब तक के पदकवीर
1. केडी जाधव
कांस्य पदक, हेलसिंकी ओलंपिक (1952)
2. सुशील कुमार
कांस्य पदक, बीजिंग ओलंपिक (2008)
रजत पदक: लंदन ओलंपिक (2012)
3. योगेश्वर दत्त
रेपचेज में चला हरियाणा के पहलवान का दांव
कांस्य पदक: लंदन ओलंपिक (2012)
4. साक्षी मलिक
कांस्य पदक: रियो ओलंपिक (2016)
5. रवि कुमार दहिया
रजत पदक: टोक्यो ओलंपिक (2020)
6. बजरंग पूनिया
कांस्य पदक: टोक्यो ओलंपिक (2020)
7. अमन सहरावत
कांस्य पदक: पेरिस ओलंपिक (2024)