जेंडर विवाद में फंसी लिन यू टिंग ने भी जीता गोल्ड, मेडल मिलने के बाद रोक नहीं पाईं अपने आंसू

पेरिस

फ्रांस की राजधानी पेरिस में हो रहे ओलंपिक में अभी तक कई विवाद चर्चा में रहे हैं। सबसे बड़े विवादों में एक दो महिला बॉक्सर्स के जेंडर को लेकर रहा। अल्जीरिया की इमान खलीफ के साथ ही ताइवान की लिन यू-टिंग के जेंडर पर सवाल थे। जेंडर टेस्ट में फेल होने के बाद इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने दोनों को 2023 में बैन कर दिया था। लेकिन ओलंपिक कमिटी ने दोनों को पेरिस में हिस्सा लेने की अनुमति दी। इसके हर मुकाबले के बाद बवाल हुआ। इमान 66 किग्रा कैटेगरी में गोल्ड मेडलिस्ट बनी थीं। अब टिन ने भी गोल्ड मेडल जीत लिया है।

ताइवान के लिए पहला बॉक्सिंग गोल्ड
लिन यू टिंग ने महिलाओं के फेदरवेट डिवीजन में गोल्ड मेडल जीतकर ओलंपिक इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। यह ओलंपिक में ताइवान का पहला बॉक्सिंग गोल्ड है। इससे पहले देश को बॉक्सिंग में सिर्फ तीन ब्रॉन्ज मिले थे। अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के लिए लिन ने 20 वर्षीय पोलैंड की बॉक्सर जूलिया स्जेरेमेता को हराया। टॉप सीड टिन ने अपने सभी मैचों में 5-0 की एकतरफा जीत हासिल की।

चैंपियनशिप बाउट में 28 वर्षीय लिन ने जूलिया स्जेरेमेता पर पूरी तरह से दबदबा बनाए रखा। जिसके चलते पोलिश दावेदार के चेहरे पर चोट के निशान भी आ गए। टिंग की लंबाई का फायदा स्जेरेमेता को काफी भारी पड़ा, जो मुक्के तो बचा पा रही थीं लेकिन स्कोर करने के लिए जोरदार पंच नहीं लगा पा रही थीं। नतीजा आने से पहले ही पता था कि टिंग ने गोल्ड मेडल जीत लिया है

टिंग के आंखों में आए आंसू
सोशल मीडिया पर आलोचनाओं और जेंडर विवादों की कड़ी जांच का सामना करने के बाद गोल्ड मेडल जीतने के बाद पोडियम पर लिन यू टिंग की आंखों में आंसू थे। उन्होंने कहा, ‘5-0 से जीतना भले ही आसान लग रहा हो, लेकिन यह अनगिनत घंटों के अभ्यास और कड़ी मेहनत का नतीजा है। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया है और मेरी टीम और ताइवान में सभी का धन्यवाद। उन्होंने मुझे यह ताकत दी।’

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