नई दिल्ली,
सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर यात्रियों के लिए एक-एक लेन को खोला जा सकता है. अदालत ने दोनों राज्यों (हरियाणा और पंजाब) के पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) को बॉर्डर खोलने के लिए एक सप्ताह के भीतर बैठक करने को कहा है.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अराजनीतिक समिति किसानों से बात करेगी और मुद्दों को सुलझाएगी जिसके लिए केंद्र और पंजाब ने नाम सौंपे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईवे ट्रैक्टरों की पार्किंग के लिए नहीं है.
कोर्ट ने आदेश में कहा, ‘शंभू सीमा पर प्रत्येक तरफ एक लेन को यात्रियों के लिए खोला जा सकता है. हम पटियाला और अंबाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों तथा दोनों जिलों के उपायुक्तों को निर्देश देते हैं कि वे बैठक करें तथा एम्बुलेंस, आवश्यक सेवाओं, छात्राओं तथा आस-पास के क्षेत्र के दैनिक यात्रियों के लिए राजमार्ग को आंशिक रूप से खोलने के लिए रूपरेखा तैयार करें.’ मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी.
400 किसान अब भी शंभू बॉर्डर पर टिके
पंजाब के विभिन्न हिस्सों से करीब 400 किसान अभी भी शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. हालांकि चावल की रोपाई के बाद अधिकांश किसान अपने खेतों में वापस लौट गए हैं. अदालत के आदेश से प्रदर्शनकारियों को राहत मिली है, जो कड़ाके की ठंड और चिलचिलाती धूप में डटे हुए हैं. शंभू बॉर्डर पर पांच महीने से चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान दो दर्जन से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. किसान यूनियनों ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वे अपना मार्च कब फिर से शुरू करेंगे. इस सप्ताह शंभू बॉर्डर पर किसान यूनियनों की एक बैठक होनी थी.
किसानों की हैं ये मांगें
शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) कर रहे हैं. किसानों ने तीन प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग को लेकर शंभू रेलवे स्टेशन को जाम कर दिया था, लेकिन एक महीने बाद इसे खाली करा लिया गया. किसान यूनियनों की मांगों में दो दर्जन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, बुजुर्ग किसानों और मजदूरों के लिए मासिक पेंशन और कर्ज माफी शामिल हैं.