वॉशिंगटन
अमेरिका की जमीन पर मौजूद आतंकी सिख समूह लगातार भारत के दूतावास और कॉन्सुलेट के खिलाफ खुलेआम धमकी दे रहे हैं। प्रतिबंधित आतंकी समूह सिख फॉर जस्टिस ने (SFJ) आज 15 अगस्त को वाशिंगटन में भारतीय दूतावास की घेराबंदी करने की घोषणा की है। एसएफजे ने अमेरिका में नवनियुक्त भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा के खिलाफ अमेरिकी विदेश विभाग को पत्र लिखकर शिकायत भी की है। आतंकी संगठन ने भारतीय राजदूत को पीएम ‘मोदी की अंतरराष्ट्रीय दमन नीति का निर्माता’ बताया है। इससे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी घेराबंदी के बारे में जानकारी दी है।
प्रतिबंधित एसएफजे ने बताया है कि उसने नवनियुक्त भारतीय राजदूत क्वात्रा के खिलाफ वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमेटिक रिलेशंस 1961 के तहत शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत संगठन ने बेबुनियाद और मनगढंत आरोप लगाया है कि क्वात्रा की मौजूदगी अमेरिकी संप्रभुता का उल्लंघन करती है और अमेरिकी नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता को खतरे में डालती है।
भारतीय राजदूत क्वात्रा का विरोध
संगठन ने क्वात्रा की मौजूदगी को अमेरिका में मौजूद खालिस्तान समर्थक समूहों की अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खतरा बताया है। इसके साथ ही उन्होंने भारत से बाहर मौजूद सिखों के खिलाफ हिंसक अपराधों में हिस्सेदार भी बताया है। इसके साथ ही आतंकी संगठन ने भारत के स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के दिन वॉशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास की घेराबंदी करने की अपील की है।
भारत ने बढ़ाया है प्रतिबंध
सिख फॉर जस्टिस एक चरमपंथी संगठन है। इसकी स्थापना भारत में वांछित सिख चरमपंथी गुरपतवंत सिंह ने की थी। इसका उद्येश्य पंजाब को खालिस्तानी मुल्क बनाने की दिशा में काम करना है। भारत सरकार ने साल 2019 में पहली बार इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया था। भारत में इसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। इसी साल जुलाई में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिख फॉर जस्टिस पर पांच साल के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया था।