भोपाल/सागर,
सागर जिले के ओबीसी नेता मान सिंह पटेल के लापता होने की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को एक विशेष जांच दल (SIT) बनाने का आदेश दिया है. एसआईटी इस मामले में प्रदेश सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके करीबियों की भूमिका की जांच करेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि एसआईटी का नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए. एसआईटी में एक एसपी रैंक का अधिकारी और एक अतिरिक्त एसपी रैंक का अधिकारी सदस्य होना चाहिए. तीनों अधिकारी एमपी कैडर के सीधे आईपीएस अधिकारी होने चाहिए, लेकिन उनका मूल राज्य से बाहर का होना चाहिए. एसआईटी को चार महीने के भीतर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट देनी है.
शीर्ष अदालत ने पीड़ित पक्ष या गुमशुदा नेता के परिवार को कहा है कि जांच के बाद सख्त कदम न उठाने पर या फिर जरूरत पड़ने पर वो कोर्ट में आ सकते हैं और अपनी परेशानी बता सकते हैं.
बता दें कि मानसिंह पटेल की जमीन सागर जिले में थी. आरोप है कि मौजूदा राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत उस पर काबिज हैं. राजपूत जब जमीन पर कब्जा कर रहे थे तब मानसिंह पटेल ने 2016 में सिटी मजिस्ट्रेट, रेवेन्यू डिपार्टमेंट और संबंधित थाने में नामजद शिकायत की थी. तब पटेल ने यह आशंका भी जताई थी कि उसकी जान को मंत्री गोविंद राजपूत से खतरा है. इसके बाद से मान सिंह पटेल साल 2016 में लापता हैं.
पता हो कि गोविंद सिंह राजपूत, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ BJP में शामिल होने से पहले कमलनाथ सरकार में परिवहन और राजस्व विभाग संभालने वाले कैबिनेट मंत्री थे. राजपूत मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में 21 विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके कारण कांग्रेस सरकार गिर गई थी. वह शिवराज सरकार में भी मंत्री रहे और अब मोहन यादव सरकार में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय संभाल रहे हैं.