नई दिल्ली,
सीबीआई ने नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से करीब 4 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं. भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता सुनिश्चित करते हुए, सीबीआई ने 17 अगस्त को की गई तलाशी के दौरान उनके आवास से 3.85 करोड़ रुपये नकद बरामद होने के बाद, नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के प्रबंधक (सचिवालय) और सीएमडी के निजी सचिव सूबेदार ओझा को गिरफ्तार किया.
यह रकम कथित तौर पर सिंगरौली स्थित एनसीएल में उनके संचालन के लिए कई ठेकेदारों और अधिकारियों से उनके पक्ष में एकत्र की गई थी. सीबीआई ने मध्य प्रदेश के सिंगरौली स्थित मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के बिचौलिए और मालिक रविशंकर सिंह को भी गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर विभिन्न ठेकेदारों/व्यापारियों और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कई अधिकारियों के बीच मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा था. आरोप है कि वह नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के इन अधिकारियों को रिश्वत पहुंचाने और उन्हें सुविधा प्रदान कर रहा था.
सीबीआई के एसीबी को रिश्वत लेते पकड़ा गया
मध्य प्रदेश के सिंगरौली स्थित मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के रविशंकर सिंह के सहयोगी दिवेश सिंह को भी सीबीआई में उनके खिलाफ लंबित शिकायतों के मामलों में अनुकूल रिपोर्ट प्राप्त करने के एवज में सीबीआई के एसीबी, पुलिस अधीक्षक जॉय जोसेफ दामले को 5 लाख रुपये की रिश्वत देते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. रविशंकर सिंह और उनके सहयोगी एनसीएल (नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के अधिकारियों और जेजे दामले के बीच बिचौलिए के रूप में काम कर रहे थे, और उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
सूबेदार ओझा के हाथों भेजी गई रिश्वत की रकम
आरोप है कि 16 अगस्त को रविशंकर सिंह के निर्देश पर रवि सिंह के कर्मचारी अजय वर्मा ने सिंगरौली के मुख्य प्रबंधक (प्रशासन), एनसीएल, लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) से 5 लाख रुपये का उपरोक्त अनुचित लाभ प्राप्त किया था. रिश्वत की रकम कथित तौर पर सूबेदार ओझा द्वारा भेजी गई थी और 17 अगस्त को रविशंकर सिंह ने दिवेश सिंह को यह रकम एसीबी जबलपुर, सीबीआई के डिप्टी एसपी जेजे दामले तक पहुंचाने का निर्देश दिया था.
इन आरोपियों के खिलाफ केस
इससे पहले, पीसी एक्ट (जैसा कि 2018 में संशोधित) की धारा 7, 7ए, 8 के साथ भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) के तहत एक नियमित मामला रविशंकर सिंह के खिलाफ पंजीकृत किया गया था. लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सिंह, सुबेदार ओझा, दिवेश सिंह और जॉय जोसेफ दामले अन्य अधिकारी और अन्य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था