छतरपुर/भोपाल ,
मध्य प्रदेश के छतरपुर पुलिस थाने में पथराव करने वाले उपद्रवियों के ऊपर सख्त कार्रवाई की गई. पुलिस प्रशासन ने गुरुवार को एक मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली की आलीशान हवेली को ध्वस्त कर दिया. इसके अलावा गिरफ्त में आए आरोपियों का बीच बाजार जुलूस निकाला गया. एक आरोपी के अवैध निर्माण पर चले बुलडोजर की कार्रवाई को अब कांग्रेस नेताओं इमरान प्रतापगढ़ी और आरिफ मसूद ने नियम विरुद्ध ठहराया है. हालांकि, इसका जवाब खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को दिया और साफ कर दिया कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा.
दरअसल, आरोपियों पर कार्रवाई के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने लिखा, ‘भाजपा सरकार की मुसलमानों के खिलाफ़ नफ़रत का एक और उदाहरण देखिये, मध्य प्रदेश के छतरपुर में मुख्यमंत्री के इशारे पर हाजी शहज़ाद के घर को ज़मींदोज़ कर दिया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी दुनिया भर में सबका साथ – सबका विकास का नारा लगाते फिर रहे हैं और उनकी राज्य सरकारें बहाना तलाश कर मुसलमानों का घर तोड़ रही हैं, संविधान की शपथ लेने वाली मोदी सरकार इस बुलडोज़र के नीचे हर दिन संविधान को कुचल रही है। जल्द ही इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाऊंगा.”
इसके बाद उन्होंने एक और पोस्ट की और लिखा कि ‘क्या ये न्याय है ? छतरपुर मध्य प्रदेश में प्रशासन ने हाजी शहज़ाद का सिर्फ घर नहीं तोड़ा बल्कि घर में खड़ी गाड़ियॉं भी बुलडोज़ कर दीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी क्या आपकी सरकारें संविधान से चल रही हैं ? क्या आपके मुख्यमंत्री आपके सबका साथ – सबका विकास के नारे को बुलडोज़र के नीचे नहीं कुचल रहे हैं.’
भोपाल के विधायक ने लिखा CM को पत्र
वहीं, इस मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर कहा है- ‘बिना नोटिस दिए मकान तोड़े गए हैं, जो न्याय व्यवस्था के विपरीत है. एक दिन अंदर बिना नोटिस के मकान तोड़ दिया गया, यह सरासर गलत है. कांग्रेस नेताओं को इस मामले में आगे आना चाहिए.
CM ने दिया जवाब
उधर, छतरपुर मामले को लेकर हो रही राजनीतिक बयानबाजी पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी पलटवार किया है. मुख्यमंत्री ने कहा, कानून का जो उल्लंघन करेगा, उसके लिए कानून अपना रास्ता बनाएगा. सरकार समाज के काम में मददगार रहती है और असामाजिक तत्वों से निपटने में भी सक्षम है.
इससे पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुलिस को साफ निर्देश दिए कि मध्यप्रदेश ‘शांति का प्रदेश’ है, कोई भी कानून को हाथ में ले यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे अराजक तत्वों पर मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा कठोर कार्रवाई की जाए. प्रदेश में शांति और सौहार्द बना रहे यही हमारी प्राथमिकता है.
क्या है पूरा मामला?
डीआईजी ललित शाक्यवार ने बताया कि 21 अगस्त को धार्मिक नेता सैय्यद हाजी शहजाद अली और सैय्यद जावेद अली के नेतृत्व में करीब 300-400 लोग ज्ञापन सौंपने के लिए पुलिस थाने आए थे. वे महाराष्ट्र के संत रामगिरी महाराज के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग कर रहे थे, जिन पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में पहले से ही कई केस दर्ज हैं.
शाक्यवार ने बताया कि भीड़ अचानक आक्रामक हो गई और पथराव शुरू कर दिया, जो करीब दस मिनट तक जारी रहा, जिसके बाद पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले दागने पड़े. पथराव के कारण कोतवाली थाना प्रभारी अनिल कुजूर के हाथ और सिर में गंभीर चोटें आईं हैं. आरक्षक भूपेंद्र प्रजापति भी घायल हुए हैं. पुलिस की टीमें गश्त कर रही हैं और सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिपिंग की मदद से पथराव में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है.
प्रदेश सरकार के मुताबिक, कोतवाली थाने में पथराव के मामले में पुलिस ने 48 नामजद और 100 से अधिक अन्य आरोपियों के खिलाफ थाना कोतवाली में केस दर्ज किया गया है. मामले में अभी तक 70 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई और 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.