नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई वेब सीरीज ‘IC 814: The Kandahar Hijack’ का सोशल मीडिया पर विरोध हो रहा है। इस सीरीज में आतंकियों के नाम को लेकर हंगामा मचा हुआ है। सीरीज में आतंकियों के नाम के बर्गर, डॉक्टर, चीफ, भोला और शंकर हैं। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि जब आतंकवादी पाकिस्तानी मुस्लिम थे तो उनके नाम हिंदू क्यों रखे गए हैं। जब इस मामले पर बवाल बढ़ा, उसके बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को समन भेजा और पूछताछ के लिए बुलाया।
1999 की है घटना
यह घटना 24 दिसंबर 1999 की है। इंडियन एयरलाइंस के विमान ने नेपाल की राजधानी काठमांडू से दिल्ली एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी। विमान में 178 यात्री सवार थे। इस विमान में पांच हथियारबंद आतंकवादी घुस गए थे और जैसे ही विमान इंडियन एयरस्पेस में दाखिल हुआ, तुरंत विमान को हाईजैक कर लिया गया। वेब सीरीज में आतंकियों के नामों को लेकर बवाल मचा हुआ है। हालांकि वेब सीरीज में जो आतंकवादियों के नाम दर्शाएं गए हैं, वह उनके कोड नेम हैं। असल में आतंकियों ने एक दूसरे को बुलाने के लिए अपने कोड नेम रखे थे और उसी कोड नेम को वेब सीरीज में भी दर्शाया गया है।
असल में पांचों आतंकवादी पाकिस्तान के रहने वाले थे और मुस्लिम थे। आतंकियों के असली नाम ये थे:
पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला इब्राहिम अतहर
कराची का रहने वाला शाहिद अख्तर सईद
कराची का रहने वाला सनी अहमद काजी
कराची के अख्तर कॉलोनी का रहने वाला मिस्त्री जहूर इब्राहिम
सुक्कुर सिटी का रहने वाला शाकिर
विदेश मंत्रालय ने बताए थे असली नाम
विदेश मंत्रालय ने 6 जनवरी, 2000 को ऑपरेशन खत्म होने के बाद हाइजैकर्स के असली नाम बताए थे। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि पांचों आतंकवादियों ने यात्रियों के सामने एक दूसरे को बुलाने के लिए और भारत सरकार से बातचीत के लिए कोड नाम रखे थे। जब आतंकियों ने प्लेन को हाइजैक किया था, उसके बाद उन्होंने कैप्टन के सिर पर बंदूक तनी और प्लेन को पाकिस्तान के लाहौर ले जाने के लिए कहा गया था। 7 दिनों तक आतंकियों ने प्लेन को हाइजैक कर रखा था। फ्लाइट के कैप्टन रहे देवी शरण ने अपनी किताब ‘फ्लाइट इंटू फियर’ में पूरी घटना लिखी है।