मुंबई:
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनावों के बीच महाराष्ट्र का एक बड़ा सर्वे सामने आया है। इसमें क्षेत्रवार किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं। इसका अनुमान व्यक्त किया गया है। इसमें क्षेत्रवार लोगों को कौन से मुद्दे प्रभावित कर रहे हैं। इसका भी उल्लेख किया गया है। महायुति और महाविकास आघाडी को कितनी सीटें मिल सकती है। इसकी भी अनुमान व्यक्त किया गया है। महाराष्ट्र में विधानसभा नवंबर महीने में होने की संभावना है। इसके लिए महायुति और महाविकास आघाडी के घटक दल राज्य में सक्रिय हैं। सर्वे में बताया गया है कि एमवीए को विधानसभा चुनावों में 141 से 154 सीटें मिल सकती है। इतना ही नहीं महायुति के हाथ से सत्ता फिसल सकती है। उसे सर्वे में 115 से 128 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। महाराष्ट्र के अन्य दल जो किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। उन्हें 5 से 18 सीटें मिल सकती हैं।
सर्वे में क्या है एक्स फैक्टर?
लोकपोल ने अपने सर्वे में कहा है कि बीजेपी के अगुवाई वाली महायुति यानी एनडीए को विदर्भ, मराठावाडा और वेस्टर्न महाराष्ट्र में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इन क्षेत्रों में महाविकास आघाडी को फायादा होगा। महायुति में बीजेपी, शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख घटक हैं। इसके अलावा कुछ छोटे दल भी हैं। सर्वे में अनुमान व्यक्त किया गया है। महायुति को मुंबई, उत्तर महाराष्ट्र (Khandesh) और कोंकण में अच्छी सीटें मिल सकती हैं। सर्वे में जो सबसे बड़ी बात सामने आई है। वह है कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है, लेकिन इसके लिए उसे मजबूत प्रचार की जरूरत होगी। इसी के साथ सर्वे में कहा गया है कि एकनाथ शिंदे की लोकप्रियता बढ़ी है फडणवीस की घटी है।
किस जोन में कौन है मजबूत?
जोन | एनडीए यानी महायुति | एमवीए यानी इंडिया अलायंस | अन्य |
विदर्भ (62) | 15-20 | 40-45 | 1-5 |
Khandesh (47) | 20-25 | 20-25 | 0-2 |
ठाणे-कोंकण (39) | 25-30 | 5-10 | 1-3 |
मुंबई (36) | 10-15 | 20-25 | 0-1 |
पश्चिम महाराष्ट्र (58) | 20-25 | 30-35 | 1-5 |
मराठावाडा (46) | 15-20 | 25-30 | 0-2 |
कुल 288 | 115-128 | 141-154 | 5-18 |
किसे कितने फीसदी वोट?
सर्वे में महायुति और महाविकास आघाडी को मिलने वाले वोट प्रतिशत का भी अनुमान लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि एनडीए यानी महायुति को 38-41 फीसदी तक वोट मिल सकते हैं, जबकि महाविकास आघाडी यानी इंडिया अलायंस के खाते में 41-44 फीसदी वोट रह सकते हैं। ऐसे में दोनों गठबंधनों के बीच वोटों का फासला तीन फीसदी का है।
सर्वेक्षण के तथ्य और निष्कर्ष:
सर्वे में कहा गया है कि ग्रामीण संकट, महंगाई, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था की विफलता, महाराष्ट्र के गौरव को नुकसान और बढ़ती बेरोजगारी जैसे मुद्दे बीजेपी के लिए चुनौती बन रहे हैं। इन मुद्दों ने बीजेपी के खिलाफ एंटी इंकबेंसी का निर्माण किया है। ने भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी भावना को बढ़ाया है। यह भी कहा गया है कि राज्य में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है, लेकिन उसके पास जमीनी स्तर पर प्रचार अभियान की कमी है। राज्य में कई समस्याओं के लिए फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। एकनाथ शिंदे की लोकप्रियता बढ़ रही है। महाराष्ट्र से गुजरात की ओर बढ़ रही परियोजनाएं जमीनी स्तर पर नाराजगी का कारण है।