मोदीजी डंका बजाते तो 6 की जगह 7 मेडल होते, भड़कीं विनेश ने पीटी उषा पर भी बोला हमला

नई दिल्ली

पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण विनेश फोगाट को महिलाओं की 50 किलोग्राम रेसलिंग कंप्टिशन के फाइनल मुकाबले से आयोग्य घोषित कर दिया गया था। वह खाली हाथ रह गई थीं और रेसलिंग से संन्यास ले लिया था। इस घटना के एक महीने से अधिक समय बाद वह राजनीति में अपना करियर शुरू करने के लिए कांग्रेस में शामिल हो गईं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में वह जुलाना से कांग्रेस की प्रत्याशी हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा, मोदी सरकार और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह पर हमला बोला।

अजीत अंजुम के यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में विनेश फोगाट ने कहा कि पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 50 किलोग्राम रेसलिंग कंप्टिशन के फाइनल से अयोग्य घोषित होने के बाद उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिली। वह अकेली थीं। उन्होंने कहा कि मदद मिली होती तो मेडल 6 की जगह 7 होते। उन्होंने पेरिस में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह की उपलब्धता पर सवाल उठाए। पीटी उषा को लेकर उन्होंने कहा कि पीटी उषा ने उनके साथ हॉस्पिटल में केवल फोटो खिंचवाया। उनसे कोई सपोर्ट नहीं मिला।

मोदीजी का अगर डंका बजता होता तो 6 मेडल 7 हो सकते थे
विनेश फोगाट ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “गलत हुआ है मेरे साथ। किसी भी दूसरे देश में अगर किसी भी नागरिक के साथ में गलत होता है। एक तो वो नागरिक अगर लड़ाई लड़े। एक तो देश रिप्रिजेंट करे उसमें फर्क होता है कि नहीं सर। वही फर्क मेरे साथ में था। मैं अकेली खड़ी थी वहां पर। सरकार अगर अपनी तरफ से रिप्रिजेंटेटिव करती। सरकार अगर अपना… जो बोलते हैं कि मोदीजी का डंका बजता है। अगर डंका उधर बजा देते तो शायद वह 6 मेडल 7 हो सकते थे।”

पेरिस में संजय सिंह की उपलब्धता पर सवाल उठाए
विनेश फोगाट ने पेरिस में संजय सिंह की उपलब्धता पर सवाल उठाते हुए कहा, “वो अध्यक्ष थे ही नहीं। अगर कोई फेडरेशन इंडिया के गवर्मेंट ने बैन कर रखा है तो वह अध्यक्ष कैसे हुआ? वो कैसे पीटी उषा के साथ मिल सकते हैं। आप सोचो ना वो आदमी क्यों गया था वहां? जो आदमी, जो फेडरेशन को अपनी हिंदुस्तान की गवर्मेंट ने रिकॉग्नाइजेशन नहीं दिया है वो आदमी ओलंपकि जैसे इवेंट में गया हुआ है, इंटरनेशनल फेडरेशन के प्रेसिडेंट से मिल रहा। उसके क्या मतलब और मायने आप निकाल सकते हो। आप सोच लिजिए जो भी है। मैं क्या बोलूं इससे ज्यादा। क्यों मिला वो आदमी। वो क्या करने गया था वहां पर?”

पीटी उषा मैम ने एक पिक्चर खींची
विनेश फोगाट ने पीटी उषा को लेकर कहा, “पीटी उषा मैम उधर आए थे। ठीक है मैं हॉस्पिटल में थी। एक पिक्चर खींची। हां-ना कुछ भी नहीं। क्या मतलब … मुझे तो नहीं पता क्या सपोर्ट मिला वहां। पॉलिटिक्स में पर्दे के पीछे और आगे बहुत कुछ होता है। वहां पर भी पॉलिटिक्स हुई है। पॉलिटिक्स… मतलब इसी लिए तो दिल टूटा न। नहीं तो फिर बहुत सारे लोग बोल रहे हैं कि चलो आप छोड़ना मत रेसलिंग मत छोड़ना। किसके लिए करें? हर जगह ही तो पॉलिटिक्स है, तो हम कर लें न पॉलिटिक्स ऐसी बात है तो। फिर कम से कम हमारा जो बुरा हुआ आने वाले बच्चों का तो बुरा नहीं होगा। कम से कम हम जैसे खिलाड़ी अगर थोड़ा सा भी कुछ कर पाएं तो हम उनके लिए खड़े तो हो पाएंगे। इतनी पावर तो दे दीजिए प्लीज।

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