नई दिल्ली,
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्रीज पर पीएम मोदी ने फोकस बढ़ा दिया है. सबकुछ ठीक रहा था, आने वाले दिनों में भारत इस फील्ड में बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरेगा. भारत में सेमीकंडक्टर तैयार करने के लिए तेजी गति से काम चल रहा है. सरकार को पता है कि अगर भारत को कुछ बड़ा करना है तो इस सेक्टर में बड़ा प्लेयर बनकर उभरना पड़ेगा. इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में ‘सेमीकॉन इंडिया-2024’ का आयोजन किया गया है.
इस कार्यक्रम का उद्घाटन करने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पहुंचे थे. 11 सितंबर से इस तीन दिवसीय आयोजन में करीब 26 देशों के 836 एग्जिबीटर्स और 50 हजार से ज्यादा विजिटर हिस्सा ले रहे हैं. दरअसल भारत सरकार ने मजबूत फैसला ले लिया है, भारत में सेमीकंडक्टर के प्रोडक्शन का सपना सच करना है.
भारत बनेगा ग्लोबल सेमीकंडक्टर हब!
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया का आठवां देश है, जहां ग्लोबल सेमीकंडक्टर से जुड़ा ये आयोजन हो रहा है. उन्होंने इसे सही समय और सही जगह बताते हुए कहा कि आज का युग ‘सिलिकॉन डिप्लोमेसी’ का है. पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने जापान, सिंगापुर और अमेरिका के साथ कई समझौते किए हैं और इन देशों के साथ सहयोग लगातार बढ़ रहा है. इस कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार सेमीकंडक्टर और आईटी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 50 फीसदी अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी और 75 फीसदी तक लैंड रिबेट दे रही है. यूपी पहले से ही सेमीकंडक्टर डिजाइन के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभा रहा है और यहां 6 प्रमुख कंपनियां स्थापित हैं.
भारत के सेमीकंडक्टर बाजार का सुनहरा भविष्य
भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2026 तक 55 अरब डॉलर और 2030 तक 110 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. फिलहाल सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल स्मार्टफोन्स, कारों, डेटा सेंटर्स और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स में किया जाता है. चीन और अमेरिका के बीच तनाव के चलते सेमीकंडक्टर कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी जा रही है. भारत में कई कंपनियां सेमीकंडक्टर चिप बनाने की योजनाओं में शामिल हैं. इसमें एचसीएल टेक्नोलॉजीज, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, वेदांता लिमिटेड और डिक्सन टेक्नोलॉजीज शामिल हैं. इन कंपनियों के शेयरों में भी तेजी देखी जा रही है. डिक्सन टेक्नोलॉजीज ने पिछले एक साल 140 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है.
पीएम मोदी की मानें तो भारत का सपना है कि दुनिया के हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में भारतीय चिप्स का इस्तेमाल हो. उन्होंने भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए निवेशों को न्योता दिया है. भारत इस क्षेत्र में कॉम्पिटीटिव बन रहा है. उन्होंने कोविड-19 का उदाहरण देते हुए कहा है कि सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन दुनियाभर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और भारत इसके लिए स्थिर नीतियों और टेक्नोलॉजी के सहारे एक मजबूत आधार तैयार कर रहा है.
पीएम मोदी की ये है रणनीति
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की वर्तमान मूल्यांकन 150 बिलियन डॉलर से अधिक है, पीएम मोदी ने देश के इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने और इस दशक के अंत तक 6 मिलियन नौकरियों का सृजन करने का एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है. उन्होंने कहा कि यह वृद्धि सीधे तौर पर भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र को लाभान्वित करेगी. हमारा लक्ष्य है कि 100 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक निर्माण भारत में ही हो.
डिजिटल इंडिया की सफलता को गिनाते हुए पीएम ने कहा कि मोबाइल हैंडसेट और डेटा को भारत में सस्ता बनाने के लिए आवश्यक सुधार और बुनियादी ढांचा शुरू किया गया था. उन्होंने बताया कि एक दशक पहले भारत मोबाइल फोन का सबसे बड़ा आयातक था जबकि आज, यह मोबाइल फोन का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है. उन्होंने भारत की 5G हैंडसेट बाजार में तेज प्रगति का हवाला देते हुए कहा कि भारत अब 5G हैंडसेट के वैश्विक बाजार में दूसरी सबसे बड़ी जगह पर है.
उन्होंने सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों को सुरक्षित करने पर सरकार की फोकस की भी चर्चा की और घरेलू उत्पादन और विदेशी अधिग्रहण को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में घोषित महत्वपूर्ण खनिज मिशन का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि भारत तेजी से कस्टम ड्यूटी छूट और महत्वपूर्ण खनिजों के खनन नीलामी पर काम कर रहा है. पीएम मोदी ने IITs के साथ सहयोग में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान में एक सेमीकंडक्टर अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की योजनाओं का भी खुलासा किया, ताकि केवल आज के उच्च-तकनीकी चिप्स ही नहीं बल्कि अगले पीढ़ी के चिप्स भी उत्पादित किए जा सकें.
दुनिया में आज ‘सिलिकॉन कूटनीति’
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘तेल कूटनीति’ का संदर्भ दिया और कहा कि दुनिया आज ‘सिलिकॉन कूटनीति’ के युग में आगे बढ़ रही है. प्रधानमंत्री ने सूचित किया कि भारत को इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क की आपूर्ति श्रृंखला परिषद का उपाध्यक्ष चुना गया है और यह QUAD सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला पहल में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। इसके अतिरिक्त, जापान और सिंगापुर जैसे देशों के साथ समझौते किए गए हैं, और भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अमेरिका के साथ अपने सहयोग को गहरा कर रहा है.
इस मौके पर टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के अध्यक्ष और सीईओ डॉ. रणधीर ठाकुर ने सेमीकंडक्टर उद्योग को भारत तक लाने के लिए पीएम मोदी की सराहना की. उन्होंने इस वर्ष 13 मार्च को धोलेरा में भारत के पहले वाणिज्यिक फैब और असम के जागीरोड में भारत के पहले स्वदेशी ओसैट कारखाने की आधारशिला रखने के अवसर को याद किया और कहा कि दोनों परियोजनाओं को रिकॉर्ड समय में सरकार से मंजूरी मिली है.