बच के रहना रे बाबा… इजरायल की वो खतरनाक साइबर वारफेयर यूनिट, जिसने लेबनान में हिजबुल्लाह के होश उड़ाए

तेल अवीव

लेबनान में हिजबुल्लाह आतंकियों में कोहराम मचा हुआ है। पिछले दो दिनों से उन्हें समझ नहीं रहा है कि हो क्या रहा है। एक दिन पहले लेबनान में हिजबुल्लाह के पेजर में विस्फोट हुए। आज हिजबुल्लाह के वॉकी टॉकी में धमाके हुए। इन धमाकों में 300 से अधिक हिजबुल्लाह लड़ाके घायल हुए हैं, जबकि 9 की जान चली गई है। इसके अलावा सोलर सिस्टम, इलेक्ट्रिक स्कूटर और कई कारों में भी विस्फोट की खबरें हैं। ऐसे में अब हिजबुल्लाह के नेताओं को यह समझ नहीं आ रहा है कि वे किस चीज को छुएं और किससे दूरी बनाकर रखें। हालांकि, इन सबके बीच इजरायल के उस खतरनाक साइबर वायरफेयर यूनिट की भी चर्चा हो रही है, जिस पर इन खतरनाक हमलों को अंजाम देने के आरोप लगे हैं।

यूनिट 8200 के नाम की खूब चर्चा
इजरायल की इस गुप्त साइबर वायरफेयर यूनिट का नाम ‘यूनिट 8200’ है। यूनिट 8200 को हिब्रू भाषा में ‘शमोन मटायम’ के नाम से भी जाना जाता है। यह साइबर वारफेयर यूनिट इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) की मिलिट्री इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट का हिस्सा है। यूनिट 8200 अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी या ब्रिटेन के GCHQ (सरकारी संचार मुख्यालय) के बराबर है। यह इजरायली सेना में सबसे बड़ी यूनिट भी है। इस यूनिट का गठन इजरायल की स्थापना के तुरंत बाद 1948 में किया गया था। शुरुआत में यूनिट 8200 का काम कोडब्रेकिंग और खुफिया इकाइयों की निगरानी करना था।

कई ऑपरेशनों को अंजाम दे चुकी है यूनिट 8200
यूनिट 8200 की गतिविधियां आमतौर पर अत्यधिक गुप्त होती हैं। इन्हें सिग्नल इंटेलिजेंस से लेकर डेटा माइनिंग और तकनीकी हमलों में महारत हासिल होती है। ऐसे आरोप लगते हैं कि इजरायली यूनिट 8200 ने कुछ सीक्रेट ऑपरेशनों में दुश्मन के सिस्टम पर स्टक्सनेट वायरस से हमले किए थे। इसी वायरस ने ईरानी परमाणु सेंट्रीफ्यूज को निष्क्रिय कर दिया और 2017 में लेबनान की सरकारी दूरसंचार कंपनी ओगेरो पर साइबर हमला किया। पिछले साल, इसके कमांडिंग ऑफिसर ने तेल अवीव में एक कॉन्फ्रेंस में बताया कि यूनिट ने हमास के लक्ष्यों को चुनने में मदद करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल किया है।

इजरायल के दुश्मनों की जासूसी में माहिर है यूनिट 8200
इस यूनिट ने वेस्ट बैंक और गाजा में फिलिस्तीनियों की जासूसी करने के साथ-साथ कई बड़े हमास नेताओं की जासूसी भी की है। यह यूनिट विदेशों में भी इजरायल के दुश्मनों पर नजर रखती है और इसकी सूचना इजरायली सेना और दूसरी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा करती है। इस यूनिट ने इजरायल को दुश्मनों के सैकड़ों हमलों से बचाया है। इसमें काम करने वाले साइबर वायरफेयर, हैकिंग और कंप्यूटर संबंधी दूसरे कामों में माहिर होते हैं।

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