औंधे मुंह गिरा शेयर बाजार, एक दिन में 5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा, जानें क्यों आई इतनी बड़ी गिरावट

नई दिल्ली:

सोमवार को शेयर बाजार बुरी तरह क्रैश हो गया। एक ही दिन में निवेशकों के करीब 5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। सेंसेक्स में जहां 1200 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई तो वहीं निफ्टी भी 350 से ज्यादा अंक गिर गया। बाजार बंद होने तक सेंसेक्स 1272 अंक गिरकर 84,299.78 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 368 अंक गिरकर करीब 25810 अंक पर बंद हुआ। सबसे ज्यादा गिरावट बैंकिंग और आईटी सेक्टर में देखी गई। वहीं मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज में भी भारी गिरावट आई।

इस गिरावट से निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूब गए। शुक्रवार को बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट कैप 479.10 लाख करोड़ रुपये था। सोमवार को मार्केट बंद होने पर यह मार्केट कैप 474.32 लाख करोड़ रुपये रह गया। ऐसे में इसमें 4.78 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई। यानी निवेशकों के करीब 5 लाख करोड़ रुपये डूब गए।

इन शेयरों में आई सबसे ज्यादा गिरावट
सोमवार को सबसे ज्यादा गिरावट रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक के शेयरों में देखी गई। वहीं भारती एयरटेल, एमएंडएम, एसबीआई, टीसीएस, इंफोसिस और टाटा मोटर्स में भी गिरावट आई। निफ्टी बैंक, ऑटो, फाइनेंस सर्विस, आईटी, मीडिया, रियल्टी, हेल्थकेयर और तेल एवं गैस में 1.6 फीसदी तक की गिरावट आई।

इन कारणों से आई मार्केट में मंदी
1. चीनी सरकार का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज
चीनी सरकार ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की। इससे विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) चीनी मार्केट की ओर मुड़ गए। साथ ही चीन के केंद्रीय बैंक ने मौजूदा होम लोन के लिए मोर्गेज दरों को कम करने की घोषणा की। इससे भी निवेशकों का चीनी शेयर मार्केट में विश्वास बढ़ा।

2. जियोपॉलिटिकल टेंशन
जियोपॉलिटिकल टेंशन के कारण भी मार्केट में गिरावट आई। लेबनान में इजरायल की ओर से हमलों में हुई तेजी ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता को बढ़ा दिया है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने बाजार की धारणा को और प्रभावित किया है। इससे भारत की तेल आयात पर निर्भरता के कारण भारतीय इक्विटी बाजार पर दबाव पड़ गया।

3. अमेरिकी डेटा और पॉवेल की स्पीच से पहले घबराहट
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की स्पीच होगी। इस पूरे हफ्ते बैंक के कई अधिकारी स्पीच देंगे। सप्ताह का समापन अमेरिकी पेरोल रिपोर्ट के साथ होगा, जो इस बात को प्रभावित कर सकता है कि फेडरल रिजर्व नवंबर में ब्याज दरों में फिर से कटौती करता है या नहीं।

4. विदेशी निवेशकों ने बेचे शेयर
भारतीय शेयर मार्केट मे जान फूंकने वाले विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने अपने शेयर बेचने शुरू कर दिए हैं। इन्होंने 27 सितंबर को 1209 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। हालांकि इसके बावजूद सितंबर में एफआईआई निवेश 57 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रहा।

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