तेल अवीव
ईरान ने मंगलवार शाम को इजरायल पर मिसाइल हमला किया है। पूरे इजरायल में सायरन बज रहे हैं। इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने बताया है कि ईरान से उनके देश पर रॉकेट दागे गए हैं। सेना ने सभी लोगों को बम शेल्टर में छिपने की सलाह दी है। अमेरिका ने चंद घंटे पहले ही जानकारी दे दी थी कि ईरान जल्द इजरायल पर मिसाइल हमला करने जा रहा है। अमेरिका ने यह भी बताया था कि वह इजरायल की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है। ईरान ने पहले ही इजरायल को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी।
इजरायली सेना ने क्या कहा
आईडीएफ ने कहा है कि ईरान से मिसाइल दागना लगातार जारी है। सेना ने एक बयान में कहा, “आपको अगली सूचना तक सुरक्षित क्षेत्र में रहने के लिए कहा जाता है।” इसमें कहा गया है कि देश भर में सुनाई देने वाले विस्फोट के आवाज मिसाइल को रोकने वाले एयर डिफेंस सिस्टम के टकराने से पैदा हो रही हैं। मृत सागर के पास, दक्षिण में और शेरोन क्षेत्र में तेल अवीव में छर्रे या रॉकेटों के गिरने की सूचना मिली है। अभी तक किसी के घायल होने की जानकारी नहीं है। हालांकि सभी इजरायलियों को शेल्टर में छिपने का आदेश दिया गया है।
इजरायल की रक्षा के लिए अमेरिका तैयार
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अमेरिका इजरायल को ईरानी मिसाइल हमलों से बचाने और क्षेत्र में अमेरिकी सेना की रक्षा करने में मदद करने के लिए तैयार है। बाइडन ने एक्स पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ दिन में हुई बैठक के बारे में कहा, “हमने चर्चा की कि कैसे अमेरिका इजरायल को इन हमलों से बचाने और क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों की रक्षा करने में मदद करने के लिए तैयार है।”
ईरान ने इजरायल पर हमले की पुष्टि की
ईरान ने दावा किया है कि उसने इजराइल पर दर्जनों मिसाइलें दागी हैं। उसने चेतावनी दी है कि अगर इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की तो उसे और भी विनाशकारी जवाब मिलेगा। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा है कि तेहरान की प्रतिक्रिया और भी विनाशकारी होगी।
इजरायल ने अधिकतर मिसाइलों को मार गिराया
इजरायली मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार ईरान द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल हमले में कोई बड़ी क्षति या हताहत की सूचना नहीं है। ईरान से 200 से ज्यादा मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से अधिकतर को हवा में ही मार गिराया गया है। जो मिसाइलें जमीन पर गिरी हैं, उनसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। दावा किया जा रहा है कि ईरान का यह हमला 13 अप्रैल को किए गए हमले की तरह ही नाकाम रहा है।