भोपाल।
भोपाल के अयप्पा मंदिर बरखेड़ा में रविवार को विजयादशमी के अवसर पर मंदिरों में विद्यारंभम अनुष्ठान का आयोजन कर छोटे बच्चों का परिचय अक्षरों से कराया गया। विद्यारंभम नौ-दिवसीय वार्षिक नवरात्र उत्सव के समापन का प्रतीक है, दक्षिणी राज्यों में विजया दशमी को ‘विद्यारंभम’, अर्थात शिक्षा के प्रारंभ के दिन के रूप में मनाया जाता है। रीति-रिवाजों के अनुसार विद्वान, लेखक, शिक्षक, पुजारी और समाज के अन्य मुख्य रूप से दो से तीन साल की उम्र के बच्चों को मंदिरों और सांस्कृतिक केंद्रों में इस अवसर पर अपना पहला अक्षर लिखवाते हैं।
समिति के सदस्य निदिश नायर ने बताया कि अय्यप्पा मंदिर में जवाहर स्कूल के पूर्व प्राचार्य पी ए नायर ने बच्चों को गोद में बिठाया और उनकी तर्जनी अंगुली पकडक़र थाली में रखे चावल पर हरिश्री लिखवाया। अय्यप्पा मंदिर में आज 20 बच्चों का विद्यारंभ संस्का र हुआ। इस अवसर पर भोपाल के कलांजली समूह द्वारा विशेष संगीत एवं नृत्य प्रदर्शन भी मंदिर में किया। केरल में विजयादशमी को बच्चों के पठन-पाठन की शुरुआत यानी ‘विद्यारम्भम’ के दिन के रूप में मनाया जाता है, सुबह से ही दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी रही।