11 साल बाद पिता-पुत्र का होगा मिलन, गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम के बेटे नारायण साईं को दी जमानत

अहमदाबाद

गुजरात हाईकोर्ट ने सूरत की लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद नारायण साईं को जमानत दे दी है। नारायण साईं 11 साल अपने पिता से आसाराम से मिल पाएंगे। गुजरात हाईकोर्ट ने मुलाकात के लिए चार घंटे का समय निर्धारित किया गया है। गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब नारायण साईं जोधपुर की जेल में पिता आसाराम से मिल सकेंगे। इसके लिए उन्हें पांच लाख रुपये की रकम जमा करनी होगी। पहले कोर्ट ने 10 लाख रुपये जमा करने को कहा था। राज्य सरकार की तरफ से नारायण साईं की मुलाकात की व्यवस्था की जाएगी, हालांकि नारायण साईं कब अपने पिता से मिलने जाएंगे। इसे गोपनीय रखा जा सकता है।

पांच लाख रुपये में मुलाकात
गुजरात हाईकोर्ट ने नारायण साईं को आदेश दिया कि वह सचिन पुलिस स्टेशन को प्रति घंटे के काम के खर्च के रूप में 5 लाख रुपये का भुगतान करे। नााराण साईं की तरफ से सचिन पुलिस स्टेशन में जमा कराने के बाद सरकार काम के घंटों के बारे में फैसला लेगी। पुलिस को नारायण साईं को जोधपुर जेल लेकर जाएगी इसके बाद लाजपोर जेल लेकर वापस आएगी। कोर्ट ने रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम काफी समय से बीमार हैं। पिछले दिनों हाईकोर्ट के आदेश पर आसाराम को इलाज के लिए पेरोल मिली थी। तब उन्हें कड़ी सुरक्षा में महाराष्ट्र के रायगढ़ ले जाया गया था।

मां-बहन से मिलने की इजाजत नहीं
गुजरात हाईकोर्ट ने साफ किया है कि नारायण साईं अपने पिता के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों से नहीं मिल पाएंगे। वह मां और बहन को नहीं मिलेंगे। गुजरात हाईकोर्ट ने मानवीय आधार पर नारायण साईं की जमानत मंजूर की है। नारायण साईं को सूरत जेल से विमान से जोधपुर ले जाया जाएगा। नारायण साईं की सुरक्षा में गुजरात पुलिस के एक एसीपी, एक पी आई, दो हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल की ड्यूटी रहेगी। नारायण साईं को गुजरात पुलिस के घेरे में रहना होगा।

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