हांफती अर्थव्‍यवस्‍था में जान फूंकने के लिए चीन ने अब कहां किया ‘अटैक’? चाहिए भारत वाली तेजी

नई दिल्‍ली

चीन को भारत जैसी आर्थिक रफ्तार चाहिए। इससे कम कुछ भी नहीं। अपनी हांफती अर्थव्‍यवस्‍था में जान फूंकने के लिए उसने पूरी ताकत झोंक दी है। खपत को बढ़ावा देने के लिए इसी के तहत अब उसने ब्‍याज दरों पर ‘अटैक’ किया है। चीन के सेंट्रल बैंक ने सोमवार को दो प्रमुख ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की। चीन का लक्ष्य दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में सुस्त खर्च को बढ़ावा देना है।

एक साल के लोन प्राइम रेट (LPR) को 3.35 फीसदी से घटाकर 3.1 फीसदी किया गया है। एलपीआर वह सबसे अच्‍छी बेंचमार्क दर है जिस पर बिजनेस और होम लोन दिया जाता है। इसी तरह चीन के सेंट्रल बैंक ने पांच साल के एलपीआर को 3.85 से घटाकर 3.6 कर दिया है। यह होम लोन के लिए बेंचमार्क रेट है।

इन दरों में जुलाई में की गई थी कटौती
इन दोनों दरों में आखिरी बार जुलाई में कटौती की गई थी। ये ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। चीन ने डेढ़ साल में अपनी सबसे धीमी तिमाही ग्रोथ दर्ज की है। इसके कुछ ही दिनों बाद यह कटौती की गई है। यह ड्रैगन के सामने आने वाली गंभीर आर्थिक समस्याओं को दिखाता है।

चीनी नेतृत्‍व इस साल पांच फीसदी की वार्षिक ग्रोथ का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। लेकिन, यह टारगेट कमजोर खपत और देश के विशाल संपत्ति क्षेत्र में लंबे समय से चले आ रहे कर्ज संकट से चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

चीन का केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कदम उठा रहा है। उसने दो मुख्य ब्याज दरों में कटौती की है। इससे व्यवसायों और लोगों को कर्ज लेना आसान हो जाएगा। यह उम्मीद है कि इससे लोग और बिजनेस ज्यादा खर्च करेंगे और अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।

सुस्‍ती के दौर से गुजर रही है चीनी अर्थव्‍यवस्‍था
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब चीन की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है और विकास दर कम है। चीन की अर्थव्यवस्था को सुस्त खपत और प्रॉपर्टी मार्केट में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है।

विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए चीन ने हाल में बड़े प्रोत्‍साहन का ऐलान किया था। एलपीआर को घटाने का उसका ताजा कदम भी ग्रोथ को बढ़ाने की कवायद का हिस्‍सा है।

भारत को चीन के इस कदम का बारीकी से अध्ययन करना चाहिए। ड्रैगन के अनुसार ही उसे अपनी नीतियां बनानी चाहिए। भारत को अपने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नए बाजार भी तलाशने की जरूरत है। इसके लिए अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना होगा।

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