जंग हुई तो इंडियन नेवी के एयरक्राफ्ट कैरियर्स बनेंगे निशाना…’, PAK के पूर्व सैन्य अफसर की गीदड़भभकी

नई दिल्ली,

1971 की जंग. पाकिस्तान की ऐसी धज्जियां उड़ाईं थी भारतीय सेनाओं ने कि आजतक वो शर्मिंदगी से याद करते हैं. भारतीय वायुसेना ने उनके टैंक-एयरपोर्ट, विमान-रनवे उड़ाए. लाखों सैनिकों ने पश्चिम बंगाल में भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया. नौसेना ने कराची को बर्बाद किया. आईएनएस विक्रांत को बर्बाद करने आई पनडुब्बी पीएनएस गाजी को समंदर के अंदर ही सुला दिया. इसके बाद बचा क्या… पाकिस्तानियों के अंदर डर. भयानक डर.

अब हालात ये हैं कि पूर्व पाकिस्तानी कोमोडोर साजिद महमूद शहजाद ने एक सुनो डिजिटल नाम के वीडियो पॉडकास्ट से एक इंटरव्यू में कहा कि अगर कोई संघर्ष या जंग होता है तो पाकिस्तानी नौसेना का प्राइम टारगेट भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर्स हैं. यानी INS Vikrant और INS Vikramaditya. अगर ये दोनों कैरियर्स पाकिस्तानी समुद्री क्षेत्र में पहुंचे तो ये निशाना बनेंगे.

पूर्व कोमोडोर शहजाद ने कहा कि एयरक्राफ्ट कैरियर्स को निशाना बनाना अपने आप में एक चुनौती है लेकिन हम भी प्रोटेक्शन प्रदान करने वाले स्ट्राइक ग्रुप्स का इस्तेमाल करना जानते हैं. अब हैरानी इस बात की है कि पाकिस्तान के पास एयरक्राफ्ट कैरियर तो है नहीं. इसलिए ये छोटे जंगी जहाजों से एयरक्राफ्ट कैरियर को निशाना बना सकते हैं.

क्या भारतीय नौसेना अपने कैरियर्स का सुरक्षा घेरा नहीं बनाएगी?
भारतीय नौसेना को पूर्व कोमोडोर हल्के में ले रहे हैं. उन्हें लग रहा है कि भारतीय नौसेना क्या ऐसी स्थिति में अपने एयरक्राफ्ट कैरियर्स की मदद के लिए सुरक्षा घेरा नहीं बनाएगी. इस बात का सबूत है 1971 की जंग. जिसमें पाकिस्तान से खुफिया मिशन के तहत पीएनएस गाजी को पुराने विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को खत्म करने के लिए भेजा था.

विक्रांत तो पहले ही बंगाल की खाड़ी में भेजा जा चुका था. गाजी को विशाखापट्टनम के पास खत्म कर दिया गया. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि भारतीय नौसेना नहीं करती. पाकिस्तान भी खुलकर बोल नहीं पाता. क्योंकि उसने इस मिशन का खुलासा कभी सार्वजनिक नहीं किया था.

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