भोपाल:
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी की सूची आने के बाद से ही पार्टी में बवाल मचा हुआ है। कुछ नेता इस लिस्ट से खुश नहीं हैं और अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। इसी वजह से पार्टी को दूसरी सूची जारी करनी पड़ी है। कांग्रेस ने 30 अक्टूबर को अपनी प्रदेश कार्यकारिणी की पहली सूची जारी की थी जिसमें 177 नेताओं को जगह दी गई थी। लेकिन, इस लिस्ट को लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध के स्वर उठने लगे थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि ‘पार्टी को बदहाल करने वाले लोगों को ही कार्यकारिणी में शामिल किया गया है।’
दूसरी लिस्ट भी भारी भरकम
इसके बाद कांग्रेस ने मंगलवार रात को पदाधिकारियों की एक और सूची जारी की। इस दूसरी लिस्ट में 25 सदस्यों वाली राजनीतिक मामलों की कमेटी, 5 सदस्यों वाली अनुशासन समिति, 84 सचिव और 36 संयुक्त सचिव शामिल हैं।
दूसरी लिस्ट में ये रहे बड़े नाम
दूसरी सूची में सबसे खास नाम पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का है, जिन्हें पहली सूची में जगह नहीं मिली थी। उन्हें पॉलिटिकल अफेयर कमेटी में जगह मिली है। पहली लिस्ट को लेकर सबसे बड़ी आलोचना परिवारवाद को लेकर हुई थी। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह और करीबी रिश्तेदार प्रियव्रत सिंह के अलावा कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के भाई सचिन यादव को जगह दी गई थी।
बयानबाजी से बढ़ गई थी कांग्रेस की चिंता
हालांकि, अब दूसरी सूची में राजनीतिक मामलों की समिति में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और अरुण यादव को भी जगह मिली है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि, ‘प्रदेश कार्यकारिणी की पहली लिस्ट ऐसे समय में आई है जब राज्य के बुधनी और विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने वाले हैं। पहली लिस्ट पर हुई बयानबाजी से पार्टी नेतृत्व की चिंता बढ़ गई थी। यही वजह है कि बढ़ते असंतोष को कम करने के लिए पदाधिकारियों की दूसरी लिस्ट जारी की गई है।’