‘LAC पर दोनों मुल्क पीछे हटे लेकिन अब…’, चीन के साथ रिश्तों पर खुलकर बोले जयशंकर

ब्रिस्बेन,

विदेशमंत्री एस जयशंकर इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं. इसके बाद वह सिंगापुर जाएंगे. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया में कहा कि LAC पर भारत और चीन ने सैनिकों के पीछे हटने की दिशा में ‘कुछ प्रगति’ की है, उन्होंने इस घटनाक्रम को ‘स्वागत योग्य’ कदम बताया. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया में प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत और चीन के संदर्भ में हमने कुछ प्रगति की है. आप जानते हैं कि हमारे संबंध बहुत खराब थे, जिसके कारण भी आप सभी जानते हैं.

उन्होंने कहा कि हमने (भारत-चीन) LAC पर पीछे हटने की दिशा में कुछ प्रगति की है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बहुत बड़ी संख्या में चीनी सैनिक तैनात हैं, जो 2020 से पहले वहां नहीं थे और बदले में हमने भी जवाबी तैनाती की है. इस अवधि के दौरान संबंधों के अन्य पहलू भी प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि LAC पर दोनों देशों के पीछे हटने के बाद हमें देखना होगा कि हम किस दिशा में आगे बढ़ते हैं, हमें लगता है कि वहां पीछे हटना एक स्वागत योग्य कदम है. इससे संभावना खुलती है कि अन्य कदम भी उठाए जा सकते हैं.

जयशंकर ने कहा कि पिछले महीने रूस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद उम्मीद थी कि “राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और मैं दोनों अपने समकक्ष से मिलेंगे.

‘भारत विकास के पथ पर अग्रसर’
विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत विकास के पथ पर अग्रसर है और दुनिया के साथ बढ़ना चाहता है. भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत बढ़ेगा, भारत बढ़ रहा है, लेकिन भारत दुनिया के साथ बढ़ना चाहता है. जब भारत दुनिया को देखता है, तो उसे अवसर दिखाई देते हैं. हम आशावादी हैं, समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन कुल मिलाकर हमें लगता है कि दुनिया में सद्भावना है और भारत के साथ काम करने की इच्छा है. हम दुनिया में भारत की सफलता के लिए एक भावना देखते हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग के लिए कई अवसर हैं.

‘विदेश में रहने वाले भारतीयों की छवि बहुत अच्छी’
विदेशमंत्री ने कहा कि विदेश में रहने वाले भारतीयों की आज की छवि अच्छी तरह से शिक्षित होने की है, व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होने की छवि है, काम करने की नैतिकता, हमारे जीवन की पारिवारिक प्रकृति है, मुझे लगता है कि आज इन सभी का कॉम्बिनेशन हमें ग्लोबल वर्कप्लेस में बहुत ही आकर्षक बनाता है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह जरूरी है कि उस ब्रांड को विकसित किया जाए. उन कौशलों को पोषित किया जाए. मैं इस बात पर जोर देता हूं कि यह युग AI का युग है. इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का है, इसके लिए ग्लोबल वर्कफोर्स की जरूरत होगी.

ये होगा ऑस्ट्रेलिया में कार्यक्रम का शेड्यूल
इससे पहले विदेशमंत्री ने X पर पोस्ट कर कहा कि नमस्ते ऑस्ट्रेलिया. आज ब्रिस्बेन पहुंचा. भारत-ऑस्ट्रेलिया दोस्ती को आगे बढ़ाने के लिए अगले कुछ दिनों में प्रोडक्टिव एंगेजमेंट्स की उम्मीद है. अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में भारत के चौथे वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे. वह कैनबरा में अपने ऑस्ट्रेलियाई विदेशमंत्री पेनी वोंग के साथ 15वें विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता (FMFD) की सह-अध्यक्षता भी करेंगे. इसके अलावा जयशंकर ऑस्ट्रेलियाई संसद भवन में आयोजित होने वाले दूसरे रायसीना डाउन अंडर के उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण देंगे. उनका आस्ट्रेलियाई लीडरशिप, सांसदों, व्यापारिक समुदाय, मीडिया और थिंक टैंकों के साथ भी बातचीत करने का कार्यक्रम है.

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