नई दिल्ली:
कनाडा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने अपने कुछ निर्धारित कॉन्सुलेट शिविरों को रद्द कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि कनाडा सरकार ने भारत के अनुरोध किए जाने के बावजूद सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रही। इसी वजह से कनाडा में निर्धारित कांसुलर कैंपों को रद्द करना पड़ा। MEA प्रवक्ता ने कहा कि हमने अपने राजनयिकों के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा था जहां कांसुलर कैंप आयोजित किया जाना था। हालांकि, कनाडा इसके लिए तैयार नहीं हुआ।
कनाडा से बढ़ता जा रहा तनाव
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पिछले एक साल या उससे भी अधिक समय से, हमने कनाडा में भारतीय राजनयिकों पर हमले, धमकी, डराने और परेशान करने जैसी चीजें देखी हैं। ऐसी धमकियों में बढ़ोतरी हुई है। वहां भारतीय राजनयिकों की निगरानी की जा रही है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है। विदेश मंत्री ने भी इसके बारे में बात की है। हमने इस मामले को कनाडा के साथ बेहद मजबूती से उठाया था।
इसलिए रद्द किए कॉन्सुलर कैंप
टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कहा कि वह अपने कुछ निर्धारित कांसुलर कैंपों को रद्द कर रहा है क्योंकि कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने अपने आयोजकों को न्यूनतम सुरक्षा देने में असमर्थता जताई है। ये मामला ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर अटैक के बाद आया है। 3 नवंबर को, ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंदुओं पर अटैक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
कनाडा के मंदिर में अटैक के बाद बढ़ा विवाद
कनाडा के मंदिर में हमले का आरोप खालिस्तानी चरमपंथियों पर लगा। ये प्रदर्शनकारी बनकर आए और मंदिर में लोगों से हाथापाई की। उन्होंने कांसुलर कार्यक्रम को बाधित किया। इस घटना की निंदा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने की, जिन्होंने कहा कि हर कनाडाई को स्वतंत्र और सुरक्षित रूप से अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। भारत ने इस उम्मीद के साथ हमले की निंदा की कि हिंसा में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा।