शिवपुरी सहकारी बैंक घोटाला: 100 करोड़ के घोटाले में 2 और गिरफ्तार, ट्रांसफर हुए थे 25-25 लाख, पुलिस ने बनाया सह आरोपी

शिवपुरी

जिले के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और इसकी कोलारस बैंक शाखा में हुए 100 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले के मामले में पुलिस ने महिला सहित दो सह आरोपियों को पकड़ा है। पुलिस ने पकड़े गए दोनों आरोपियों के नाम धनसिंह पुत्र तेज सिंह यादव और रीना पत्नी संतोष यादव बताए हैं। यह दोनों शिवगिरी मंदिर के पास रिछरा फाटक जिला दतिया के निवासी है। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी ने इनके खाते में घोटाले के 100 करोड़ में 25-25 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। इसलिए घोटाला मामले में दोनों को सहआरोपी बनाया गया है।

दोनों के खाते में 25-25 लाख का ट्रांजेक्शन
पुलिस ने बताया कि 100 करोड़ के बैंक घोटाले की जांच के दौरान पकड़े गए दोनों सहआरोपी धन सिंह और रीना यादव के खातों में 25-25 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ था। यह पैसा कोलारस बैंक शाखा से आया था, जहां एक चपरासी को कैशियर का पद मिलते ही यह कांड किया था।

महिला मित्र के हैं रिश्तेदार
इस कैशियर ने अपने परिजनों से लेकर नौकर और करैरा के कालीपहाड़ी निवासी महिला मित्र पिंकी यादव सहित उसके परिजनों को गबन की राशि ट्रांसफर कर दी। मुख्य आरोपी की महिला मित्र पिंकी यादव को भी पुलिस ने पूर्व में पकड़ा था। अब यह दो आरोपी धनसिंह और रीना यादव पकड़े गए हैं वह पिंकी के पिता और बहन है।

गबन की राशि से खरीद ली जमीन और कार
पुलिस ने बताया है कि इस बैंक घोटाले को अंजाम देने वालों ने बैंक की राशि से जमीनें और स्कॉपियों सहित अन्य वाहन खरीद लिए। पुलिस ने बताया है कि पकड़े गए दोनों आरोपियों के खाते में 25-25 लाख रु का ट्रांजेक्शन एक अन्य आरोपी मुकेश पाराशर के खाते से होना पाया गया है। इसलिए दोनों मामले में सहआरोपी बनाकर धर दबोचा। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। यहां से धनसिंह यादव और रानी को कोर्ट ने जेल भेज दिया है।

चपरासी ने कैशियर बनते ही किया घोटाला
शिवपुरी के जिला सहकारी बैंक और कोलारस बैंक शाखा में करीब 3 साल पहले यह घोटाला हुआ था। इसमें कैशियर ने 100 करोड़ रुपए का गबन किया था। बैंक के 100 करोड़ रुपए की राशि गलत तरीके से निकाली गई। कोलारस बैंक शाखा में यहां पर मुख्य रूप से घोटाला हुआ। इसमें बैंक के सीनियर अधिकारियों ने मिलीभगत कर चपरासी को कैशियर का प्रभार दे दिया। अभी तक इस घोटाले की कुछ ही राशि पुलिस जब्त कर पाई है, जबकि पिछले 3 साल से कार्रवाई चल रही है। मुख्य आरोपी राकेश पराशर इस समय जेल में है।

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