बाड़मेर ,
राजस्थान के बाड़मेर जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. कॉलेज के हॉस्टल में सीनियर छात्रों ने फर्स्ट ईयर के छात्रों के साथ रैगिंग की, जिसमें 6 छात्राएं भी शामिल थीं. रैगिंग की शिकायत व्हाट्सएप पर रैगिंग कमेटी को मिली, जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने 8 छात्रों को कॉलेज के हॉस्टल से सस्पेंड कर दिया और 6 छात्राओं को वार्निंग देकर छोड़ दिया गया.
रैगिंग कमेटी के को-चेयरमैन डॉ. बीएल मंसूरिया के अनुसार, फर्स्ट ईयर के छात्रों ने सोशल मीडिया पर रैगिंग की शिकायत दी थी, लेकिन इसके पुख्ता सबूत नहीं थे. कमेटी ने छात्रों को आश्वासन दिया कि वो निष्पक्षता से बयान दे सकते हैं. इसके बाद, कुछ छात्रों ने बिना नाम लिए कागज पर रैगिंग का पूरा घटनाक्रम लिखा, जिससे रैगिंग के आरोप की पुष्टि हुई. बताया जा रहा है कि 6 छात्राओं समेत 14 स्टूडेंट्स सस्पेंड किया गया है.
मेडिकल कॉलेज में छात्रों के साथ रैगिंग
इस मामले पर डॉक्टर मंसूरिया ने बताया कि जांच के दौरान वीडियो और फोटो सबूत भी मिले हैं. इसके आधार पर 2 छात्रों को 2 महीने और अन्य 6 छात्रों को 15 दिनों के लिए हॉस्टल से सस्पेंड कर दिया गया. कुछ आरोपी छात्रों का कहना है कि वो निर्दोष हैं और रैगिंग में शामिल नहीं थे. रैगिंग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए कमेटी ने आगे और सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं.
6 छात्राओं समेत 14 स्टूडेंट्स सस्पेंड
वहीं, आरोपी छात्रों का कहना है कि उन्होंने किसी भी जूनियर छात्र की कोई भी रैगिंग नहीं की है. स्टूडेंट्स शिकायत कर रहे हैं, उसका कोई आधार नहीं हैं. वहीं डॉक्टर मंसूरिया ने कहा कि कमेटी ने पीड़ित छात्रों को बुलाकर उनके बयान लिए. जिससे साफ हो गया कि सीनियर स्टूडेंट्स द्वारा रैगिंग ली जा रही थी.