नई दिल्ली,
भारतीय शेयर बाजार को गुरुवार के दिन एग्जिट पोल पर रिएक्शन करना था. लेकिन देर रात अडानी ग्रुप से जुड़ी खबर ने शेयर बाजार को हिलाकर रख दिया, खबर बड़ी थी और बाजार पर उसका असर भी बड़ा दिखा. दरअसल, गुरुवार की सुबह गिफ्ट निफ्टी (Gift Nifty) से भारतीय बाजार में मजबूती के संकेत मिल रहे थे. लेकिन अडानी ग्रुप से जुड़ी खबर ने पूरा मामला पलट दिया. गिरावट के साथ बाजार की शुरुआत हुई और कारोबार के अंत तक बाजार पर गिरावट हावी रहा.
हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद जिस तरह से अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी, ठीक उसी तरह का आलम आज अडानी ग्रुप के शेयरों को लेकर देखने को मिला. अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई. अधिकतर कंपनियों के शेयरों में लोअर सर्किट देखने को मिले.
अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी बिकवाली की वजह से शेयर बाजार भी संभल नहीं पाया. सेंसेक्स 422 अंक गिरकर बंद हुआ. वहीं निफ्टी टूटकर 23,350 पर आ गया. आज की इस भारी बिकवाली में निवेशकों को करीब 5.35 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा अडानी ग्रुप के शेयर गिरे, इसके अलावा सरकारी बैंक के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली, क्योंकि तमाम बैंकों ने अडानी ग्रुप को लोन दिया है.
भारी बिकवाली वाले ये शेयर…
Adani Enterprises Share- 22.52% गिरे
Adani Energy Solutions Share- 20.00% गिरे
Adani Green Energy Share- 18.68% गिरे
Adani Total Gas Share- 10.73% गिरे
Adani Power Share- 9.06% गिरे
Adani Ports Share- 13.56% गिरे
Ambuja Cements Share- 11.65% गिरे
ACC Share- 6.94% गिरे
NDTV Shares- 0.66% गिरे
Adani Wilmar Share- 10.00% गिरे
SBI share- 2.75% गिरे
IDBI Bank- 2.00% गिरे
LIC share- 1.44% गिरे
क्या है पूरा मामला-
दरअसल, न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान गौतम अडानी की कंपनी पर US में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को मोटा रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल को ये सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए गलत रूट से भारतीय अधिकारियों 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) को रिश्वत दी गई.
यही नहीं, कहा जा रहा है कि रिश्वत वाली बात अमेरिकी कंपनी यानी एज्योर पावर ग्लोबल से छुपाई गई. इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए 20 साल में दो अरब डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान लगाया गया था और इसका लाभ लेने के लिए झूठे दावे करते हुए लोन और बॉन्ड्स जुटाए गए.
अडानी ग्रुप ने आरोप को बेबुनियाद बताया
गौरतलब है कि हिंडनबर्ग के असर से उबर चुके गौतम अडानी के लिए ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है, और फिर ये झटका भी विदेश से लगा है. हालांकि अडानी ग्रुप का सफाई भी चुका है. अडानी समूह ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका के न्याय विभाग और प्रतिभूति बाजार विनियामक द्वारा अडानी ग्रीन कंपनी के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और इसका खंडन किया जाता है. अडानी समूह ने कहा कि अदालत में लगाए गए आरोप सिर्फ आरोप हैं और प्रतिवादियों को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक की दोष साबित नहीं हो जाते, हम कानून का हर संभव सहारा लेंगे.
उन्होंने कहा कि अडानी समूह अपने ऑपरेशन्स में गवर्नेंस, ट्रांसपेरेंसी और रेगुलेटरी कम्पलायंस के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. हम अपने सभी साझेदारों, कर्मचारियों और हितधारकों को यह पूरा भरोसा दिलाते हैं कि हम कानून का पालन करने वाले समूह है और नियमों का दृढ़ता से पालन करते हैं.
SECI ने कहा- जांच जरूरी नहीं…
वहीं सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने गौतम अडानी मामले में अपनी सफाई पेश की है. उसने इस पूरे मामले को अपने अलग रखा है. उसने कहा कि गौतम अडानी के ग्रुप पर अमेरिकी कोर्ट में लगाए गए आरोपों से जुड़ा उसे कोई दस्तावेज नहीं मिला है. ऐसे में उसे कंपनी के किसी नियम के तोड़े जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
दरअसल, रॉयटर्स ने ये रिपोर्ट SECI के चेयरमैन एंव एमडी आर पी गुप्ता के हवाले से दी है. गुप्ता ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए कंपनी के पास कोई आधार नहीं है. ऐसे में अब आगे क्या होता है, इस पर सबकी नजर होगी. बता दें, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) एक सरकारी कंपनी है. यह देश में रिन्यूबल एनर्जी की झमता बढ़ाने पर काम करती है.