इम्फाल,
मणिपुर में फिर से हिंसा होने से हर कोई परेशान है. मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने हालिया हिंसा पर पहली बार बयान दिया है. सीएम ने कहा, कुकी उग्रवादियों द्वारा बंधक बनाकर 3 मासूम बच्चों और 3 महिलाओं की जघन्य हत्या की निंदा करता हूं और गहरा दुख जताता हूं. किसी भी सभ्य समाज में बर्बर कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है. फिलहाल इन उग्रवादियों की तलाश जारी है और उन्हें जल्द ही न्याय के कठघरे में लाया जाएगा.
सीएम बीरेन सिंह ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बयान पर प्रतिक्रिया दी और मणिपुर में फिर हिंसा के लिए पी चिदंबरम की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया. सीएम सिंह ने कहा, पी. चिदंबरम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा संकट मणिपुर के सीएम के कारण है. मैं यह कहना चाहता हूं कि कांग्रेस के समय में केंद्रीय नेताओं की अनदेखी के कारण हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
म्यांमार से थांगलियानपाउ गुइते को लाए थे पी. चिंदबरम?
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एन बीरेन सिंह ने कहा, वर्तमान संकट का मूल कारण भी पी चिदंबरम ही हैं. जब वो तत्कालीन कांग्रेस सरकार में गृह मंत्री थे और ओकराम इबोबी सिंह (मणिपुर के) सीएम थे तो वो म्यांमार के जोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी के अध्यक्ष थांगलियानपाउ गुइते को मणिपुर लेकर आए थे. यह संगठन म्यांमार में प्रतिबंधित है.
‘अवैध प्रवासियों से हो रही है समस्या’
उन्होंने एक तस्वीर दिखाई, जिसमें पी. चिदंबरम, थांग्लियानपाउ एक-दूसरे से हाथ मिला रहे हैं. बीरेन सिंह का कहना था कि उन्होंने (पी. चिदंबरम) कभी भी उत्तर पूर्व के लोगों की परवाह नहीं की. वर्तमान संकट म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों की समस्या से हो रहा है. वो मणिपुर और पूरे उत्तर पूर्व के मूल निवासियों पर हावी होने की कोशिश करते हैं. मणिपुर में जो भी समस्या है, वो कांग्रेस द्वारा पैदा की गई है. वे इससे आसानी से पीछे नहीं भाग सकते हैं.
‘दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा’
सीएम का कहना था कि हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक उन्हें अमानवीय कृत्यों के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जाएगा. हमले के दौरान करीब 40 से 50 सशस्त्र उग्रवादियों ने एक राहत शिविर में रहने वाले विस्थापित लोगों पर हमला किया. यहां तक कि जिरिबाम के बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और पास के जकुराधोर में CRPF कैंप को भी निशाना बनाया गया.
‘भय और आतंक फैलाने चाहते थे उग्रवादी’
एन बीरेन सिंह ने आगे कहा, उग्रवादियों का उद्देश्य भय और आतंक फैलाना था. हालांकि, वहां तैनात सीआरपीएफ कर्मियों ने तुरंत मोर्चा संभाला और हमले को विफल कर दिया. त्वरित कार्रवाई में मौके पर ही 10 उग्रवादियों को मार गिराया. राहत शिविरों में रहने वाले सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सकी. मैं सीआरपीएफ और राज्य बलों के उल्लेखनीय साहस और कर्तव्य की सराहना करता हूं और धन्यवाद देता हूं. हम आतंक और हिंसा के खिलाफ मजबूती से खड़े रहेंगे और हम हमेशा अपने लोगों की सुरक्षा करेंगे. मैं केंद्र के नेताओं को भी धन्यवाद देता हूं. केंद्र सरकार ने हाल ही में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 20 कंपनियां भेजी हैं और सुरक्षा को मजबूत करने और शांति बहाल करने के लिए अतिरिक्त 50 कंपनियां भेजी जा रही हैं.
‘यह कृत्य मानवता के खिलाफ’
सीएम ने आश्वस्त किया कि हम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर जरूरी कदम उठाते रहेंगे. हम सभी को मिलकर ऐसी बर्बर हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा करना चाहिए. निर्दोष महिलाओं और बच्चों की हत्या मानवता के खिलाफ अपराध है. ऐसे कृत्यों को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता. हम साथ मिलकर इस सिद्धांत पर विजय प्राप्त करेंगे और शांतिपूर्ण भविष्य की ओर बढ़ेंगे.