3 विधायकों को झटका, 6 बाहरियों को इनाम… AAP की पहली लिस्ट में क्या है खास?

नई दिल्ली,

आम आदमी पार्टी (आप) ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें 11 उम्मीदवार शामिल हैं. यह सूची राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है. पार्टी ने इसमें बाहरी नेताओं को प्राथमिकता तो दी ही है, साथ ही तीन मौजूदा विधायकों को दरकिनार भी किया है. पार्टी के इस फैसले ने जहां एक तरफ कई तरह के सवाल खड़े किए हैं वहीं ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर आम आदमी पार्टी इस रणनीति के तहत क्या संकेत दे रही है.

1. बाहरी नेताओं पर बड़ा दांव
आप की इस सूची में 6 बाहरी नेताओं को जगह दी गई है. इनमें से तीन भाजपा और तीन कांग्रेस से जुड़े रहे हैं. भाजपा से आम आदमी पार्टी में शामिल हुए ब्रह्म सिंह तंवर को छतरपुर से टिकट दिया है. ब्रह्म सिंह पूर्व विधायक रहे हैं. वहीं, किराड़ी से पूर्व भाजपा विधायक अनिल झा को भी आप ने मैदान में उतारा है. लक्ष्मी नगर से पूर्व भाजपा पार्षद बीबी त्यागी को भी पार्टी ने टिकट दिया है. इसके अलावा कांग्रेस नेता मतीन अहमद के बेटे जुबैर चौधरी को सीलमपुर से, सीमापुरी से पूर्व कांग्रेस विधायक वीर सिंह धींगन और मटियाला से पूर्व कांग्रेस विधायक सुमेश शौकीन को टिकट मिला है. इन बाहरी नेताओं को शामिल कर आप ने संकेत दिया है कि वह राजनीतिक ताकत और अनुभव को प्राथमिकता दे रही है. हालांकि, यह कदम पार्टी के भीतर असंतोष का कारण बन सकता है.

2. परफॉर्मेंस के आधार पर फैसला
पार्टी ने तीन मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं. इनमें रितुराज झा (किराड़ी), अब्दुर रहमान (सीलमपुर), गुलाब सिंह यादव (मटियाला) शामिल हैं. हालांकि टिकट कटने की वजहें स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह माना जा रहा है कि प्रदर्शन या स्थानीय लोकप्रियता में कमी इसका कारण हो सकता है. इस फैसले को गौर से देखा जाए तो ऐसा माना जा सकता है आम आदमी पार्टी ‘परफॉर्मेंस बेस्ड’ राजनीति की लीक पर चल रही है. हालांकि ये कदम भी भीतर ही भीतर पार्टी में असंतोष भर सकती है.

3. वफादार नेताओं पर भरोसा
पार्टी ने अपनी पहली सूची में तीन पुराने और वफादार नेताओं को भी मौका दिया है. इनमें रोहतास नगर की पूर्व विधायक शामिल हैं, जिन्हें दोबारा मौका दिया गया है. राम सिंह नेताजी बदरपुर के पूर्व विधायक रहे हैं, उन्हें भी फिर से मैदान में उतारा गया है. दीपक सिंगला, जो कि 2020 में भी उम्मीदवार थे और महाराष्ट्र-गोवा के प्रभारी रहे हैं, उन्हें भी पार्टी ने टिकट दिया गया है.

4. रणनीतिक संकेत, लेकिन नई सोच या मजबूरी?
आम आदमी पार्टी ने जो पहली लिस्ट जारी की है, वह कई तरह के सवाल भी खड़े करती है. पार्टी भले ही इसे एक नई तरह की रणनीति की तरह पेश करे, लेकिन आप ने अन्य पार्टियों से आए नेताओं को प्राथमिकता देकर अपने मूल कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया है. यह फैसला स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर डाल सकता है. इसी तरह मौजूदा विधायकों को दरकिनार करने से भी पार्टी में भीतर ही भीतर असंतोष भर सकता है. पार्टी का ध्यान अनुभव और नए चेहरों के संतुलन पर है.

5. राजनीतिक संदेश
पहली लिस्ट के जरिए आम आदमी पार्टी ये बताने की कोशिश कर रही है कि वह सिर्फ पॉपुलैरिटी ही नहीं, बल्कि ‘परफॉर्मेंस’ बेस्ड सोच रखने वाली पार्टी है और इसे ही प्राथमिकता देती है. पार्टी अपने विधायकों के प्रदर्शन का आकलन करती है और जरूरत पड़ने पर सख्त फैसले लेने से पीछे नहीं हटती. इसके साथ ही बाहरी नेताओं को शामिल कर आप ने संकेत दिया है कि वह बड़े स्तर पर चुनावी जीत के लिए नए सहयोगियों को भी अपनाने को तैयार है. हालांकि, पहली लिस्ट ने पार्टी के भीतर असंतोष और गुटबाजी की आशंका को भी जन्म दिया है. अब यह देखना होगा कि आप इन चुनौतियों का सामना कैसे करती है और सवाल यह भी है कि क्या यह रणनीति उसे आगामी चुनावों में बढ़त दिलाने में मदद करेगी?

About bheldn

Check Also

अडानी को शाम होते-होते दूसरा बड़ा झटका, केन्या में कई प्रोजेक्‍ट रद्द, रिश्‍वतखोरी के आरोपों का असर

नई दिल्‍ली केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने अपने …