नई दिल्ली,
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने गुरुवार को युद्ध और मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया.आईसीसी ने नेतन्याहू और गैलेंट पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया, जिसमें हत्या, उत्पीड़न और अमानवीय कृत्यों की बात कही गई. आरोप है कि इजरायल ने गाजा में नागरिकों के लिए भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता जैसी आवश्यक आपूर्ति को प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे बच्चों की मौत हुई है और कई लोगों को संकट का सामना कपना पड़ा है.
जानकारी के अनुसार, आरोप में यह कहा गया है कि कोर्ट को यह मानने के लिए उचित आधार भी मिला है कि नेतन्याहू ने जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाया और जरूरी सहायता रोक दी. जिससे लोगों को भारी पीड़ा उठानी पड़ी.कोर्ट ने कहा, ‘हमने आंकलन किया कि यह मानने के उचित आधार हैं कि नेतन्याहू और गैलेंट गाजा की नागरिक आबादी के खिलाफ जानबूझकर हमलों को निर्देशित करने के युद्ध अपराध के लिए जिम्मेदार हैं.’
इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने दी प्रतिक्रिया
इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने गिरफ्तारी वारंट पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे न्याय के लिए काला दिन बताया. उन्होंने कहा, ‘आईसीसी के फैसले ने न्याय को हंसी का पात्र बना दिया है। यह उन सभी के बलिदान का मज़ाक उड़ाता है जो न्याय के लिए लड़ते हैं.’ उन्होंने कहा कि यह गाजा में हमास द्वारा क्रूर कैद में रखे गए 101 इजरायली बंधकों की दुर्दशा को नजरअंदाज करता है। यह हमास द्वारा मानव ढाल के रूप में अपने ही लोगों के निंदनीय उपयोग को नजरअंदाज करता है। यह इस बुनियादी तथ्य को नजरअंदाज करता है कि इजरायल पर बर्बरतापूर्वक हमला किया गया था और अपने लोगों की रक्षा करना उसका कर्तव्य और अधिकार है।
हमास ने बातचीत से किया इनकार
उधर, हमास के कार्यवाहक गाजा प्रमुख खलील अल-हय्या ने बुधवार को एक बयान में कहा कि जब तक फिलिस्तीनी क्षेत्र में जंग खत्म नहीं हो जाती, तब तक इजरायल के साथ बंधकों के बदले कैदियों की अदला-बदली का कोई समझौता नहीं होगा. Al-Aqsa टेलीविजन चैनल के साथ एक इंटरव्यू में हय्या ने कहा, “जंग खत्म हुए बिना, कैदियों की अदला-बदली नहीं हो सकती है.”
गाजा के लिए युद्धविराम पर बातचीत करने के प्रयास रुक गए हैं और अमेरिका ने बुधवार को बिना शर्त स्थायी युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया. वाशिंगटन के संयुक्त राष्ट्र राजदूत ने कहा कि अमेरिका केवल उस प्रस्ताव का समर्थन करेगा, जो युद्धविराम के हिस्से के रूप में इजरायली बंधकों की तत्काल रिहाई का रास्ता साफ करता है.