चीन के पास कितने J-20 लड़ाकू विमान, इसकी ताकत पर इतना इतराता क्यों है ड्रैगन, जानें खूबियां

बीजिंग:

चीन लगातार अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ा रहा है। चीनी नौसेना ने हाल में ही एक रहस्यमय युद्धपोत का भी परीक्षण किया है। इस बीच खबर आई है कि चीनी वायु सेना में जे-20 लड़ाकू विमानों की संख्या 200 तक पहुंच गई है। यह चीन का पांचवीं पीढ़ी का पहला लड़ाकू विमान है। चीन का दावा है कि उसने स्वदेशी तकनीक से इस विमान को विकसित किया है, लेकिन विशेषज्ञों को इसकी स्टील्थ क्षमता पर संदेह है। इसे J-20 माइटी ड्रैगन के नाम से भी जाना जाता है। चीन ने J-20 लड़ाकू विमान को भारत से लेकर ताइवान की सीमा तक तैनात किया हुआ है। वर्तमान में यह चीनी वायु सेना में मौजूद सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक है।

चीन के पास 200 J-20 लड़ाकू विमान
डिफेंस फर्म जेन्स ने सैटेलाइट इमेजरी का विश्लेषण कर कहा है कि चीन ने पूरे देश में J-20 को तैनात किया हुआ है। उन्होंने हाल में ही लिखा, “जेन्स का आकलन है कि जुलाई 2023 से 11 महीनों में PLAAF ने 70 से अधिक J-20 को शामिल किया है, जिसका अर्थ है कि सेवा कुल मिलाकर लगभग 195 J-20 विमानों का संचालन कर रही है। इन अतिरिक्त विमानों के आने से चीनी वायु सेना को अपने कुछ चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को बदलने का वक्त मिल गया है। चीनी वायु सेना शेनयांग J-11 और सुखोई Su-27SK/UKB विमानों को सेवा से हटा रही है।

ताइवान के खिलाफ J-20 का इस्तेमाल करेगा चीन?
ऐसी आशंका है कि चीन, ताइवान के खिलाफ युद्ध में J-20 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर सकता है। ऐसी भी आशंका है कि J-20 लड़ाकू विमान ताइवान की वायु सेना पर हावी भी हो सकता है, क्योंकि यह विमान अमेरिकी पैट्रियट एंटी एयर डिफेंस सिस्टम को संभावित रूप से चकमा दे सकता है। यहां तक कि J-20 लड़ाकू विमान अमेरिकी जबाजों पर तैनात एजिस कॉम्बेट सिस्टम से बचने की क्षमता रखता है। इससे ताइवान के लिए चीनी हवाई क्षेत्र पर हावी होना मुश्किल हो सकता है।

J-20 लड़ाकू विमान को जानें
चेंगदू जे-20 को माइटी ड्रैगन के नाम से भी जाना जाता है। यह चीन के चेंगदू एयरोस्पेस कॉरपोरेशन द्वारा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (पीएलएएएफ) के लिए विकसित एक ट्विन-इंजन ऑल-वेदर स्टील्थ फाइटर है। जे-20 को सटीक स्ट्राइक क्षमता वाले एयर सुपीरियरिटी फाइटर के रूप में डिजाइन किया गया है। इस विमान के तीन उल्लेखनीय संस्करण हैं: प्रारंभिक उत्पादन मॉडल, सिंगल इंजन और थ्रस्ट-वेक्टरिंग कंट्रोल के साथ संशोधित एयरफ्रेम वेरिएंट और एयरक्राफ्ट-टीमिंग सक्षम ट्विन-सीट वेरिएंट।

J-20 ने कब भरी थी पहली उड़ान
जे-20 विमान ने 11 जनवरी 2011 को अपनी पहली उड़ान भरी और आधिकारिक तौर पर 2016 चीन अंतर्राष्ट्रीय विमानन और एयरोस्पेस प्रदर्शनी में इसका खुलासा किया गया। J-20 विमान को मार्च 2017 में चीनी वायु सेना में शामिल किया गया था और फरवरी 2018 में पहली जे-20 लड़ाकू इकाई का गठन किया गया। इसी के साथ चीन दुनिया का दूसरा और एशिया का पहला देश बन गया जिसने ऑपरेशनल स्टील्थ विमान तैयार किया।

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