जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर 20 साल बाद आया सामने, भारत के खिलाफ उगला जहर, पाकिस्तान में बना रहा आतंकी

इस्लामाबाद

भारत में आतंकी हमलों में वांटेड चल रहा आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर दो दशक में पहली बार सामने आया है। अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद के कैडर को संबोधित किया है। आतंकी संगठन से जुड़े एक डिजिटल प्लेटफॉर्म ने इसकी जानकारी दी। मसूद अजहर ने पाकिस्तान के अंदर दिए गए अपने ताजा संबोधन में भारत और इजरायल के खिलाफ नए सिरे से जिहादी अभियान शुरू करने की बात कही है।

जेहाद में शामिल होने की अपील
द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, अजहर ने आतंकी संगठन के कैडर को दुनिया में इस्लाम का शासन लाने के लिए जिहाद में साथ देने को कहा। जैश-ए-मोहम्मद ने यह नहीं बताया कि आतंकी सरगना ने अपना भाषण किस तारीख और कहां पर दिया था। हालांकि जैश से जुड़े डिजिटल प्लेटफॉर्मों ने समय-समय पर मसूद अजहर के पुराने भाषण जारी किए हैं, लेकिन यह पहला ऐसा भाषण है जो निश्चित रूप से नया है, क्योंकि इसमें गाजा युद्ध का जिक्र किया गया है।

भारत के खिलाफ उगला जहर
भारत के खुफिया अधिकारी के हवाले से द प्रिंट से बताया कि आतंकी सरगना का यह संबोधन संभवतछ पिछले महीने के आखिर में पाकिस्तान के बहावलपुर के बाहर 1000 एकड़ में फैले उम्म-उल-कुरा मदरसा और मस्जिद परिसर में हुआ था। इमारत में प्रशासनिक ब्लॉक और कई आवासीय ब्लॉक शामिल हैं। अपने भाषण में अजहर पर आतंकवादी समूह में शामिल होने के लिए अपील करता है तो बार-बार तालियां बजती हैं। मसूद अजहर अपने संबोधन में बार-बार चिल्लाता है कि ‘भारत, तुम्हारी मौत आ रही है।’

पाकिस्तान ने दी थी अफगानिस्तान जाने की जानकारी
साल 2022 में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने घोषणा की थी कि मसूद अजहर अफगानिस्तान भाग गया है। यह घोषणा तब की गई थी, जब पाकिस्तान एफएटीएफ की आतंकी वित्त निगरानी सूची से अपना नाम निकालने में सफल हुआ था। साल 2003 में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक आतंकी समूह ने पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ की हत्या की कोशिश की थी। इसके बाद से अजहर के सार्वजनिक रूप से आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
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अजहर 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड है। इस मामले में उसे पाकिस्तान की जेल में डाला गया था, लेकिन उस पर कभी मुकदमा नहीं चलाया गया। साल 2016 में पाकिस्तानी अधिकारियों ने गिरफ्तारी को ‘सुरक्षात्मक हिरासत’ बताया था। हालांकि, इस बारे में कभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया कि उसे सुरक्षात्मक हिरासत से कब रिहा किया गया और अफगानिस्तान की उसकी कथित यात्रा किन परिस्थितियों में हुई थी।

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