कांग्रेस नेताओं के पास इतना पैसा कि उन्हें हिसाब भी नहीं रहता… बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी का निशाना

नई दिल्ली

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट से शुक्रवार को नोटों की गड्डी मिलने से हंगामा मच गया। इस मामले को लेकर बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने इस पैसे के स्रोत की जांच की मांग की। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

‘पैसों का हिसाब देने से इनकार कर रही कांग्रेस’
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पास इतना पैसा है कि उन्हें इसका हिसाब भी नहीं रहता। वह संसद में ही पैसे छोड़ जाते हैं। किसी नेता ने पैसा लेने की जहमत नहीं उठाई। इससे पैसे के स्रोत पर सवाल उठते हैं। त्रिवेदी ने कहा, ‘कांग्रेस जो हर चीज पर सवाल उठाती थी, आज संसद में मिले पैसों का हिसाब देने से इनकार कर रही है।’ उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की।

बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने भी साधा निशाना
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी इस घटना पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा, ‘एक बंडल नोट बेंच से बरामद हुआ है। यह जांच का विषय है। भारत के उपराष्ट्रपति ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मुझे आश्चर्य है कि कांग्रेस नेताओं के पास से नोटों के बंडल कहां से बरामद हो रहे हैं… इस घटना की जांच होनी चाहिए।’

राज्यसभा सभापति ने दिए जांच के आदेश
राज्यसभा में कांग्रेस के बेंच से नोटों की गड्डी मिलने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘मैं यह सूचित करना चाहता हूं कि कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद, जब नियमित जांच की गई, तो सुरक्षा अधिकारियों ने सीट संख्या 222 (जो वर्तमान में अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है) से नोटों का एक ढेर बरामद किया। यह मामला मेरे ध्यान में लाया गया, और मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जांच कानूनी रूप से हो। नियमों के अनुरूप कार्रवाई हो।’

सिंघवी ने क्या दी सफाई?
कांग्रेस के सीनियर नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले को लेकर अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ 5 मिनट पहले इसके बारे में सुनकर काफी हैरान हूं। मुझे इसके बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। मैंने कल दोपहर 12:57 बजे सदन में प्रवेश किया और सदन की बैठक दोपहर 1 बजे शुरू हुई।’ उन्होंने कहा, “मैं लगभग 3-4 मिनट तक रुका, फिर 1 से 1:30 बजे तक कैंटीन में अयोध्या प्रसाद के साथ दोपहर का भोजन किया। मैं 1:30 बजे निकला, तो हाउस में मेरा कुल समय 3 मिनट था। इसके अलावा, मुझे लगता है कि कैंटीन में मेरे 30 मिनट थे। यह अजीब है कि ऐसे मामलों पर राजनीति की जाती है।”

उन्होंने आगे कहा, “बेशक इस बात की जांच होनी चाहिए कि सामान कहीं भी और किसी भी सीट पर कैसे रखा जा सकता है। हर सीट पर ताला लगा होना चाहिए, जिसकी चाबी संबंधित सांसद के पास होनी चाहिए, नहीं तो वहां कुछ भी रख सकते हैं और आरोप लगा सकते हैं। यह दुखद और गंभीर के साथ हास्यास्पद भी हो जाती है। सभी को मामले की तह तक जाने में अपना सहयोग देना चाहिए।”

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