नई दिल्ली
कांग्रेस ने दिल्ली की तरफ बढ़ रहे किसानों को रोकने की कोशिश की निंदा की। लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि किसानों दिल्ली आने से रोकने का प्रयास निंदनीय है और सरकार को उनकी मांगों को गंभीरता से सुनकर उस पर अमल करना चाहिए। वहीं कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी को तत्काल किसान प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाना चाहिए और संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में ही एमएसपी की कानूनी गारंटी का कानून पारित किया जाना चाहिए।
‘सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए’
राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘किसान सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखने और अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए दिल्ली आना चाहते हैं। उनपर आंसू गैस के गोले दागना और उन्हें तरह-तरह से रोकने का प्रयास करना निंदनीय है। सरकार को उनकी मांगों और समस्याओं को गंभीरता से सुनना चाहिए। अन्नदाताओं की तकलीफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज देश में हर घंटे एक किसान आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं। मोदी सरकार की घोर असंवेदनशीलता के कारण पहले किसान आंदोलन में 700 से अधिक किसानों की शहादत को भी देश नहीं भूला है।
हम किसानों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मांगों का समर्थन करते हैं। MSP की लीगल गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार खेती की व्यापक लागत का 1.5 गुना MSP, कर्ज माफी समेत तमाम मांगों पर सरकार को तुरंत अमल करना चाहिए। जब अन्नदाता खुशहाल होंगे तभी देश खुशहाल होगा।
‘धनखड़ के समर्थन से किसानों को मिला बूस्टर डोज’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का समर्थन मिलने के बाद किसानों के विरोध प्रदर्शन को जबरदस्त ‘बूस्टर डोज’ मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस किसानों की सभी मांगों का समर्थन करती है।
रणदीप सुरजेवाला का पीएम पर निशाना
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के पास फिल्म देखने का समय है, लेकिन किसानों से मिलने का समय नहीं है। उन्होंने कहा, ‘जब देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से संसद में पूछा गया कि एमएसपी की गारंटी का कानून बनाएंगे या नहीं, तो वह सरेआम उसे टाल गए। वहीं, जब उनसे पूछा गया कि किसानों को कर्ज से राहत मिलेगी या नहीं, तो वह इससे भी इनकार कर गए।’
बता दें कि शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों के एक जत्थे ने शुक्रवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया, लेकिन उन्हें कुछ मीटर बाद ही कई लेवल की बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया। जब कुछ किसान शंभू बॉर्डर पर हरियाणा की ओर लगाए गए अवरोधकों के पास पहुंच गए, तो सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।