नई दिल्ली,
पंजाब और हरियाणा के (शंभू) बॉर्डर पर डटे किसान अब रविवार को दिल्ली कूच की कोशिश करेंगे. ये ऐलान किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने किया है. उन्होंने कहा कि पहले केंद्र और राज्य के मंत्री बोलते थे कि किसान ट्रैक्टर पर आते हैं, लेकिन अब तो हम पैदल जा रहे थे, अगर हम दिल्ली जा सकते तो PM से जाकर सवाल पूछते. पंढेर ने कहा कि जिस तरीके से हम पर हमला हुआ, वो हमारी नैतिक जीत है. हम बातचीत के लिए तैयार हैं, पहले भी तैयार थे, हम केंद्र के कृषि मंत्री से बातचीत करना चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि कल यानी शनिवार को का जत्था नहीं जाएगा. अब रविवार को कूच करेंगे.
हरियाणा पुलिस के साथ टकराव के बाद KMM और SKM (अराजनीतिक) की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. इस दौरान सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पुलिस के साथ टकराव में 8 लोग घायल हुए हैं और दो गंभीर रूप से घायल हैं. भारत सरकार ने हमें रोकने के लिए बल प्रयोग किया, हम निहत्थे थे. हमने अनुशासन के साथ 101 लोगों का अपना प्रतिनिधिमंडल भेजा. हमें पता था कि हम बैरिकेडिंग और व्यवस्थाओं को पार नहीं कर पाएंगे, लेकिन हमने अपना मार्च शुरू किया. किसान ने कहा कि मैं पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं कि हमारे साथ दुश्मन जैसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है?
‘रविवार दोपहर 12 बजे करेंगे दिल्ली कूच’
किसान नेताओं ने कहा कि जब भारतीय, विदेशी ताकतों से अनाज के लिए भीख मांगते थे, तब हमने कड़ी मेहनत की और भारत को अनाज के लायक बनाया. यह हमारी नैतिक जीत है. हम बातचीत से भागने वाले नहीं हैं. हम परसों दोपहर 12 बजे के आसपास अपना मार्च शुरू करेंगे. हमने मार्च को आज और कल के लिए टाल दिया है, क्योंकि सरकार ने हमसे बातचीत के लिए संपर्क किया है.
पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर की भारी बेरिकेडिंग
शंभू धरना स्थल से 101 किसानों के ‘जत्थे’ ने दिल्ली कूच का प्रयास किया, लेकिन शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने मल्टीलेयर बैरिकेड्स लगाए थे, यहां पहुंचे प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि 8 किसान इसमें घायल हो गए और उन्हें एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर छोड़े आंसू गैस के गोले
हरियाणा पुलिस के अधिकारी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत लगाए गए निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारी किसानों से आगे नहीं बढ़ने के लिए कह रहे थे. कुछ किसान सड़क से लोहे की कीलें और कांटेदार तार उखाड़ते और आंसू गैस के गोलों को गीले जूट के थैलों से ढकते देखे गए.
अंबाला के 11 गांवों में 9 दिसंबर तक इंटरनेट बंद
किसानों ने दावा किया कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर आंसू गैस के गोले दागे जो शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ना चाहते थे. अंबाला जिला प्रशासन ने पहले ही बीएनएसएस की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी कर दिया है, जिसके तहत जिले में पांच या उससे अधिक लोगों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है. किसानों के मार्च शुरू करने से कुछ समय पहले, हरियाणा सरकार ने एहतियात के तौर पर शुक्रवार को अंबाला जिले के 11 गांवों में 6-9 दिसंबर तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया. बता दें कि किसान केंद्र पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर मार्च कर रहे हैं.