जयपुर
राजस्थान की सियासत में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और सीआई कविता शर्मा की तकरार का बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। इस दौरान अपने खिलाफ पुलिस में शिकायत के बाद किरोड़ी कविता शर्मा पर जमकर बिफर गए। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कविता शर्मा के फर्जी प्लाट आवंटन के आपराधिक मामले को लेकर पूरा चिट्ठा खोल दिया। उन्होंने कविता और उनकी बहनों की जन्म तिथि को लेकर भी सवाल उठाए। यही नहीं किरोड़ी ने अपनी ही सरकार के साथ पिछली गहलोत सरकार को भी जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि वह उन बड़े लोगों के नाम जल्द उजागर करेंगे, जो कविता शर्मा को बचा रहें है, लेकिन उससे पहले प्रदेशाध्यक्ष से बात करेंगे। किरोड़ी के इस बयान ने सियासत में सनसनी फैला दी है।
सीआई कविता ने फर्जी जन्म डेट के जरिए भूखंड हड़प लिया
किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार शाम आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कविता शर्मा को जमकर आड़े हाथ लिया। उन्होंने कविता की पूरी कुंडली खोज निकाली। इसको मीडिया में दिखाते हुए कहा कि वर्ष 2017 में एफआईआर 525 के जरिए कविता के खिलाफ धोखाधड़ी से प्लाट हड़पने का झोटवाड़ा पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ। इसमें पीड़ित महिला शकुंतला मूंदड़ा ने मामला दर्ज करवाया था। इसमें कविता शर्मा ने अपनी गलत जन्म तिथि बताकर फर्जी तरीके से जमीन का आवंटन करवा लिया।
कविता ने रचा जमीन आंवटन के लिए षडयन्त्र – किरोड़ी
किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि कविता के खिलाफ जो मामला दर्ज हुआ है। उसके अनुसार 1982 में कविता की उम्र 4 साल थी, जबकि उसने अपनी जन्मतिथि 1978 बताई। इसी तरह उसकी छोटी बहनें सुचिता और पुनीता की भी क्रमशः 9 और 2 साल की उम्र थी। इस मामले में कविता ने अपना जवाब पेश किया कि उसकी बचपन में ही सगाई हो गई, लेकिन सवाल उठता है कि जब तक शादी नहीं होती, तब तक उनके पति का नाम प्रॉपर्टी में दर्ज नहीं हो सकता। वहीं, जो मामला कविता के खिलाफ दर्ज है, उसमें उसके पति का चंद्रशेखर शर्मा का नाम लिखा है। इसी तरह पुनीता के पति का नाम चंद्रशेखर व्यास और सुचिता के पति का नाम रामलाल शर्मा दर्ज किया है। इससे साफ साबित होता है कि कविता शर्मा ने फर्जी तरीके से बेकडेट में जमीन का आवंटन करवाया।
आरोप- सुचिता और मृदुला के हस्ताक्षर भी गलत
किरोड़ी ने मीडिया के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए बताया कि जिस तारीख में भूखंड का आंवटन हुआ, उस पर जो सुचिता और मृदुला के हस्ताक्षर है, वह गलत है। सुचिता की उस समय 9 साल की उम्र थी, जबकि कविता की छोटी बहन मृदुला के भी इस पर हस्ताक्षर है, लेकिन जब मृदुला का जन्म ही नहीं हुआ था। किरोड़ी ने सवाल उठाते हुए कहा कि पट्टे के आवेदन पर जो दोनों के हस्ताक्षर हैं, वह किसी व्यस्क व्यक्ति के लगते हैं। इस संबंध में जांच अधिकारी ने कविता से कई बार मूल दस्तावेज मांगे, लेकिन उन्होंने इसके कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए।
किरोड़ी ने बताया कविता शर्मा कितनी असरदार है
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कविता शर्मा को लेकर किरोड़ी लाल मीणा ने जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि मैं आपको बताता हूं कि कविता शर्मा कितनी असरदार है, इसका पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में भी बाल बांका नहीं हुआ और न हीं इस सरकार में कोई कार्रवाई हुई। उन्होंने कहा कि कविता शर्मा के खिलाफ मामले की चार्ज शीट में कविता के खिलाफ अपराध प्रमाणित हुआ है। जिसके चलते वह गैर जमानती मामले के तहत गिरफ्तार होनी चाहिए थी, लेकिन उसका कुछ नहीं बिगड़ा। किरोड़ी ने बताया की कविता ने 2011 में जेडीए में भूखण्ड के नियमन के लिए आवेदन किया, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया, क्योंकि वह कागज गलत थे।
कविता को बचाने वाले अधिकारियों को कठोर दंड मिले
किरोड़ी लाल मीणा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कविता शर्मा के साथ उसे बचाने वाले अधिकारियों को भी जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में सीआईडी सीबी ने जुर्म प्रमाणित माना है, लेकिन दबाव के चलते अधिकारियों ने इस प्रकरण को बंद कर दिया और चार्ज शीट में से कविता का नाम निकाल दिया, जबकि सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के अनुसार चार्ज शीट में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोई की परमिशन के बाद ही कोई नाम निकाला जा सकता है। उन्होंने नाम हटाने वाले अधिकारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 166 ए और धारा 160 ए का हवाला देते हुए कहा कि लोक सेवक यदि विधि की अवज्ञा करता है, तो उसे 6 माह का कठोर कारावास देने का प्रावधान है। ऐसे में जिसने कविता का नाम हटाया, उसे भी सजा मिलनी चाहिए।
कविता शर्मा को बचाने के लिए लगे हैं बड़े हाथ- किरोड़ी
किरोड़ी ने कविता शर्मा के पीछे बड़े लोगों का हाथ होने की बात कही। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने डीसीपी पश्चिम के दो पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि कविता शर्मा ने गृह विभाग के डिप्टी सचिव मुकेश पारीक के चोरी के मामले की रिपोर्ट दर्ज नहीं की। जिसकी रिपोर्ट 24 दिसंबर 2023 को दी गई। इसको लेकर डीसीपी पश्चिम ने पुलिस कमिश्नर को कविता को निलंबित कर जयपुर आयुक्तालय से ट्रांसफर करने की अनुशंसा की। इसके बावजूद भी उसे नहीं हटाया गया। इसके बाद एक बार फिर डीसीपी ने कविता शर्मा को हटाकर नॉन फील्ड में लगाने के लिए लिखा, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
प्रदेश अध्यक्ष से बात करने के बाद नाम करूंगा उजागर
प्रेस कॉन्फ्रेंस में किरोड़ी लाल मीणा ने कविता शर्मा के पीछे बड़े नाम के हाथ होने की बात उजागर की। इस पर जब मीडिया ने उन नाम को जानना चाहा, तो किरोड़ी ने कहा कि मैं पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से बात करूंगा, उसके बाद में इनका नाम उजागर करूंगा। इस दौरान किरोड़ी ने मंजू की दादी की मौत के लिए कविता शर्मा को जिम्मेदार बताया। साथ ही उन अधिकारियों को भी जिम्मेदार बताया, जो कविता को बचा रहे हैं। किरोड़ी ने कविता की तत्काल गिरफ्तारी करने की मांग उठाई है।