नई दिल्ली
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर का दौरा करने का आग्रह किया है। इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को एक पत्र भी प्रधानमंत्री को भेजा गया। इस पत्र में उन्होंने पीएम मोदी के सामने तीन मांगें भी रखीं हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोग बेसब्री से प्रधानमंत्री का इंतजार कर रहे हैं ताकि उनकी बेबसी की आवाज सुनी जा सके। इंडिया गठबंधन में शामिल मणिपुर के घटक दलों ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करें। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी सीधी भागीदारी से ही शांति बहाल हो सकती है।
इंडिया ब्लॉक मणिपुर के नेताओं की पीएम मोदी से अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में विपक्षी गठबंधन ने आग्रह किया कि मणिपुर की जनता और ‘INDIA’ गठबंधन की तरफ से, हम आपको मणिपुर आने का न्योता देते हैं। हमारा राज्य 3 मई, 2023 यानी लगभग दो साल से अशांति की आग में जल रहा है। इस दौरान राज्य में भारी तबाही हुई है। लगभग एक लाख लोग विस्थापित हो गए हैं और सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। पत्र में आगे लिखा गया है कि लगातार हिंसा ने मणिपुर के लोगों के बीच दर्द, डर और बेबसी को बढ़ा दिया है।
प्रधानमंत्री के सामने रखीं ये तीन मांगें
राज्य में शांति बहाली के लिए विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने तीन मांगें रखीं। पहली मांग है कि प्रधानमंत्री 2024 खत्म होने से पहले मणिपुर का दौरा करें। अगर उनके पास समय नहीं है, तो दूसरी मांग के अनुसार, वे सभी मणिपुर के राजनीतिक दलों को अपने दिल्ली स्थित आवास पर आमंत्रित करें। तीसरी मांग में विपक्षी गठबंधन ने कहा कि मणिपुर के लोगों के साथ प्रधानमंत्री की सीधी बातचीत से ही राज्य में शांति आ सकती है। मणिपुर के लोग मणिपुर की धरती पर आपसे मिलने के लिए उत्सुक हैं।
‘मणिपुर के लोग बेहाल, पीएम मोदी का दखल जरूरी’
विपक्षी गठबंधन में शामिल पार्टियां चाहती हैं कि प्रधानमंत्री मणिपुर की स्थिति का जायजा लें और लोगों की समस्याएं सुनें। विपक्ष का मानना है कि सिर्फ सरकार और प्रशासन के भरोसे परिस्थिति नहीं सुधरेगी। प्रधानमंत्री का व्यक्तिगत दखल जरूरी है। मणिपुर के लोग बेहाल हैं। उनके घर बर्बाद हो गए हैं। उन्हें खाने-पीने की चीजों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। व्यवसाय ठप पड़े हैं। लोग दहशत में जी रहे हैं। इसलिए विपक्ष का मानना है कि प्रधानमंत्री को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए और लोगों की मदद करनी चाहिए।
जानिए मणिपुर में क्या हैं ताजा हालात
पिछले महीने मणिपुर में फिर से हिंसा भड़क उठी थी। मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमले हुए थे। जिरिबाम के बराक नदी में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसा शुरू हुई। यह घटना बेहद दुखद है और इससे राज्य में तनाव और बढ़ गया है। मणिपुर के लोग डरे हुए हैं और उन्हें सुरक्षा की सख्त जरूरत है। विपक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री का दौरा लोगों को भरोसा दिला सकता है। उन्हें सुरक्षा का एहसास दिलाना चाहिए। इससे शांति बहाली की कोशिशों को बल मिलेगा। प्रधानमंत्री को सभी पक्षों से बात करनी चाहिए और शांति स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।