लखनऊ:
साइबर जालसाजों ने मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर एक एनआरआई महिला व उनकी बहन को आठ दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। मनी लांड्रिंग में फंसने की बात बताई और जेल भेजने का भय दिखाकर ठगों ने उनसे 1.87 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए। ठगी की जानकारी होने पर पीड़िता ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। इसके अलावा ठगों ने एक रिटायर्ड बैंक अफसर समेत दो लोगों को भी निशाना बनाया है। दोनों मामलों की जांच साइबर क्राइम थाने की पुलिस कर रही है।
कनाडा निवासी सुमन कक्कड़ कुछ माह पहले इंदिरानगर सेक्टर-एफ स्थित अपने घर आई हैं। साइबर थाने की पुलिस को दी तहरीर में उन्होंने बताया कि 25 नवंबर को सुबह दस बजे उनके पास अनजान नंबर से वॉट्सएप कॉल आई। फोन करने वाले ने अपना नाम अभिषेक चौहान बताया। उसने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी भी बताया।
उसने सुमन से कहा कि तुम्हारे क्रेडिट कार्ड से जेट एयरवेज के मालिक और मनी लांड्रिंग मामले में आरोपी नरेश गोयल के खाते में एक लाख 13 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। तुम्हारे खिलाफ जांच बैठी है। कार्रवाई होने जा रही है। जेल भी जाना पड़ सकता है। सुमन उसकी बातें सुनकर घबरा गईं। इस पर ठग ने कहा इस समस्या से निकलने के लिए तुम्हें गोपनीय जांच में सहयोग करना होगा।
उसके बाद आरोपी ने सुमन से उनके खातों के बारे में पूछताछ शुरू कर दी। वीडियो कॉल पर कई घंटे रखा। सुमन ने उसे यह भी बताया कि वह अपनी बहन के पास रहती हैं। जालसाज ने कहा कि आप अपनी बहन के पास रहती हैं तो वो भी इस मामले में आरोपी होंगी। इसके बाद दोनों बहनें घबरा गईं। जालसाज दोनों को धमकाते रहे। अलग-अलग दिन क्राइम ब्रांच, कस्टम, सीबीआई और आयकर के अधिकारी बने ठगों से उनकी बात करवाते रहे।
यह धमकी भी दी थी कि दोनों बहनों के अलावा यह बात कोई तीसरा शख्स जानने न पाए, वरना उसी दिन उनकी गिरफ्तारी हो जाएगी। इस तरह आठ दिन तक दोनों बहनों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगों ने अलग-अलग खातों में उनसे 1.87 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए। उसके बाद ठगों के मोबाइल फोन बंद हो गए। तब पीड़ित बहनों को ठगे जाने की जानकारी हुई। एनआरआई महिला ने साइबर थाने में जालसाजों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है।