राज्य में फिर लौटी रमन सिंह की यह योजना, भूपेश बघेल ने किया था बदलाव, सीएम साय ने पलट दिया कांग्रेस सरकार का फैसला

रायपुर

छत्तीसगढ़ की सियासत में इन दिनों कैबिनेट विस्तार की अटकलें लगाई जा रही हैं। कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बीजेपी सरकार ने पूर्व की भूपेश बघेल सरकार की एक और योजना का नाम बदल दिया है। विष्णुदेव साय की सरकार इससे पहले भी भूपेश बघेल की कई योजनाओं का नाम बदल चुकी है। जबकि कई योजनाओं को बंद कर दिया गया है।

किस योजना का बदला गया नाम
छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने तीरथ बरत योजना का नाम बदल दिया है। इस योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना कर दिया गया है। इस योजना की शुरुआत 2012 में तत्कालीन सीएम रमन सिंह ने की थी। उसके बाद 2018 में राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ था। जिसके बाद भूपेश बघेल की सरकार ने कई योजनाओं को बंद किया था और उनके नाम भी बदल दिए थे।

योजना के तहत नहीं हुई थी यात्रा
2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी जिसके बाद भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का नाम बदलर तीरथ बरत योजना कर दिया है। हालांकि जानकारी के अनुसार, 2019 से 2023 तक इस योजना के तहत कोई यात्राएं नहीं की गई थीं।

बीजेपी सरकार ने फंड भी जारी किया
तीरथ बरत योजना का नाम बदलने के साथ ही राज्य सरकार ने इस योजना के लिए फंड की भी व्यवस्था शुरू की है। विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लिए साल 2024-2025 के लिए अनुपूरकरक बजट में 25 करोड़ रुपये के फंड का भी इंतजाम किया है। राज्य सरकार ने गुरुवार को नाम बदलने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन में इस बात का भी उल्लेख किया गया है जहां निशक्तजन शब्द लिखा गया है वहां दिव्यांग शब्दों का उपयोग किया जाए।

क्या है इस योजना का मकसद
2012 में तत्कालीन बीजेपी सरकार के सीएम रमन सिंह ने इस योजना की शुरुआत की थी। इस योजना को पूरे करने का मकसद राज्य के सीनियर सिटीजन को धार्मिक और अध्यात्मिक यात्रा करना था। सरकार वरिष्ठ नागरिकों को फ्री में तीर्थ यात्रा करवाती थी।

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