डॉक्टर बना हैवान! सदर अस्पताल से 2 मरीजों को बाहर फिकवाया, मौत के बाद खुला राज तो 7 पर FIR

औरंगाबाद

औरंगाबाद के सदर अस्पताल में एक बेहद ही दर्दनाक और अमानवीय घटना सामने आई है। अस्पताल के उपाधीक्षक और हेल्थ मैनेजर समेत 7 लोगों पर दो मरीजों को अस्पताल से बाहर फेंकने और उनकी मौत के मामले में FIR दर्ज हुई है। 12 नवंबर 2024 को दो मरीजों को अस्पताल के कर्मचारियों ने शहर के बाहर झाड़ियों में फेंक दिया। इलाज न मिलने की वजह से दोनों की मौत हो गई। पुलिस ने CCTV फुटेज और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मामले का खुलासा किया। आरोपी कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें उपाधीक्षक ने ऐसा करने का आदेश दिया था। डीएम ने मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम बनाई। टीम की रिपोर्ट के आधार पर 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

12 नवंबर को अस्पताल के उपाधीक्षक ने मरीजों को बाहर फिंकवाया
यह घटना 12 नवंबर 2024 को औरंगाबाद के सदर अस्पताल में घटी। अस्पताल के पुरुष वार्ड में भर्ती दो मरीजों को अस्पताल के उपाधीक्षक (DS) ने अपने एम्बुलेंस कर्मियों को शहर के बाहर सुनसान जगह पर छोड़ने का आदेश दिया। कर्मचारियों ने आदेश का पालन किया और दोनों मरीजों को झाड़ियों में फेंक दिया। बिना इलाज के दोनों मरीजों की मौत हो गई।

CCTV फुटेज से खुला राज
कुछ दिनों बाद, बारुण थाने की पुलिस को दो अज्ञात शव मिलने की सूचना मिली। पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि दोनों शव सदर अस्पताल की चादर में लिपटे हुए थे। इससे पुलिस को शक हुआ और उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस सदर अस्पताल पहुंची और वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की। साथ ही दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाया गया। पुलिस ने तकनीकी जांच भी शुरू की। CCTV फुटेज की जांच से पता चला कि एम्बुलेंस कर्मियों और स्ट्रेचरमैन ने मरीजों को पुरुष वार्ड से एम्बुलेंस में लादा था। फिर उन्हें बारुण थाना क्षेत्र के दो अलग-अलग जगहों, पोखराही गांव और टेंगरा नहर के पास सुनसान इलाके में छोड़ दिया था।

उपाधीक्षक ने मरीजों को बाहर छोड़ने को कहा था: एंबुलेंस कर्मी
पुलिस ने एम्बुलेंस कर्मियों और स्ट्रेचरमैन से पूछताछ की। एंबुलेंस कर्मी हरेंद्र कुमार ने बताया कि ‘उन्हें उपाधीक्षक ने ऐसा करने का आदेश दिया था। उपाधीक्षक ने कहा था कि मरीजों को अस्पताल से बाहर कहीं छोड़ आओ।’ मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी (DM) ने 3 सदस्यीय जांच टीम बनाई। डीडीसी, एसीएमओ और जिला कल्याण पदाधिकारी इस टीम में शामिल थे। टीम ने मामले की गहन जांच की। जांच रिपोर्ट में घटना की पुष्टि हुई। रिपोर्ट डीएम और राज्य स्वास्थ्य समिति को सौंप दी गई।

इन सात लोगों पर दर्ज हुई एफआईआर
जांच रिपोर्ट के आधार पर बारुण थाने में 7 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की गई। इनमें अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. आशुतोष कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक हेमंत राजन, सुपरवाइजर शैलेश कुमार मिश्रा, एम्बुलेंस के एमईटी हरेंद्र, एम्बुलेंस ड्राइवर शिवशंकर, और दोनों स्ट्रेचरमैन सुरंजन और धर्मपाल शामिल हैं। इन पर भारतीय न्याय संहिता के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। थाने में इस मामले का कांड संख्या 559/24 दर्ज किया गया है।

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