गुजरात : जूते उतार घर में घुसे, परिवार को सोफे पर बैठाया, जानिए कच्छ में ज्वैलर्स के घर कैसे पड़ी थी ED की फर्जी रेड-वीडियो

अहमदाबाद

गुजरात के कच्छ में ज्वैलर्स के यहां फर्जी ईडी रेड के खुलासे के बाद जहां सुरक्षा एजेंसियां हैरान है तो अब इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कैसे जालसाजों ने ज्वैलर्स परिवार को धमकाया था और फिर रेड को अंजाम दिया था। वीडियो के सामने आने बाद खुलासा हुआ है कि फर्जी ईडी अधिकारियों ने घर में प्रवेश करके बाद परिवार के सदस्यों को बैठाकर अपना परिचय दिया था और फिर धमकाते हुए कहा था कि वे कोई भी जानकारी न छुपाएं।

परिवार के सदस्यों के बैठाकर दिए निर्देश
राधिका ज्वैलर्स के यहां रेड डालने वाले इन जालसाजों के ग्रुप ने परिवार के चारों सदस्यों (दो महिलाओं) को रौब में ले लिया था। कोट पहने एक शख्स ने खुद की पहचान आई कार्ड दिखाते हएु अंकित तिवारी बताई थी ताकि परिवार के लोगों को यकीन हो जाए कि वह ईडी अधिकारी है। अधिकारी ने कि मुझे कुछ जानकारी मिली है। इसके बाद वह रेड करने आए हैं। अधिकारी ने कहा कि अगर आप सभी को-ऑपरेट करेंगे तो चीजें जल्दी सुलझ जाएंगी। इसके बाद अधिकारी ने कहा अगर ऐसा नहीं होगा तो चीजें उलझती जाएंगी। कोट पहने शख्स ने ज्वैलर्स परिवार पर दबाव बनाने के लिए यह भी कहा कि इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी हो रही है।

गलत जानकारी पर होगी जेल
यह वीडियोग्राफी जालसाजों के एक सदस्य द्वारा ही जा रही थी। कोट पहने शख्स जिसने अपने पहचान अंकित तिवारी बताई थी। उसने कहा कि आप पहले हमें सही सही बता दें इसके बाद हम अपना काम शुरू करेंगे। ईडी अधिकारी बने जालसाधों ने धमकाया कि अगर उनके द्वारा दी गई जानकारी गलत निकली तो छह साल के लिए जेल जाएंगे। ऐसे में जब परिवार के सदस्य ने कहा कि उन्हें नहीं सही अनुमान नहीं है तो ईडी अधिकारी बने शख्स ने कहा कि हम आपको समय देखें आप चीजें देख लें। इस दौरान टीम का एक सदस्य साथ में रहेगा।

कौन-कौन से सवाल और निर्देश दिए?

  • घर में कुल कितना कैश है?
  • घर में गोल्ड कितना है, मसलन सोने के बिस्कुल वगैरह, डायमंड हैं क्या?
  • कितनी चीजों के बिल है और कितनी चीजों के बिल नहीं हैं?
  • हमें गलत इंफारमेंशन और मिसगाइड न करें?
  • अगर हमें को-ऑपरेट करेंगे तो ठीक रहेगा, अन्यथा दिक्कत होगी

पुलिस ने रिकवर किया वीडियो
कच्छ पूर्व के एसपी सागर बागमार के अनुसारखुद को ED के अधिकारी बताकर राधिका ज्वेलर्स के मालिक के घर नकली छापामारी कर जेवरात की चोरी की वारदात को अंजाम जब दिया गया था तो ED के अधिकारी अंकित तिवारी के नाम का एक आई कार्ड तक बताया गया था लेकिन जब जांच शुरू हुई तो सामने आया कि इस पूरे घोटाले का मास्टर माइंड जो अंकित तिवारी बना था वह असल में शैलेन्द्र देसाई है। वह अहमदाबाद DRM ऑफिस में ट्रांसलेटर का काम करता है।

कुल 12 अरेस्ट, तीन गाड़ियां सीज
पुलिस के अनुसार शैलेन्द्र देसाई ही ED का अंकित तिवारी नाम का अधिकारी बन सूट बूट में सोना कारोबारी के दुकान और घर छापा मारकर लाखों रुपये का माल चुराकर छू हुआ। लेकिन जब शिकायत दर्ज हुई और उस आधार पर जब गांधीधाम पुलिस ने कार्यवाही शुरू की तो एक महिला समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर इन्होंने छापामारी के लिए जिन 3 गाड़िया और 1 टू व्हीलर का उपयोग किया था उसको तक जब्त किया तो अब तक 22 लाख रुपये की रिकवरी तक की गई जो रकम पुलिस के मुताबिक और आगे बढ़ सकती है।

पुलिस की रिमांड हैं सभी
पुलिस के अनुसार इतना ही नहीं जब इन सभी को जब गांधीधाम पुलिस ने कोर्ट में पेश किया तो वहां से भी इन सभी 12 आरोपियों की 11 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा गया। रिमांड पर आए इन नकली ईडी अधिकारियों की कुछ इस तरह खातिरदारी की है। सामने आया है कि पुलिस ने घटना का रिकंस्ट्रक्शन किया था उस वक्त पर आरोपी पैरों पर चल तक नहीं पा रहे थे।

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