सीरिया में सरकार गिरी, टीवी से बशर अल असद का शासन खत्म होने का ऐलान, राष्ट्रपति ने देश छोड़ा

दमिश्क:

सीरिया की राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों के घुसने और राष्ट्रपति बशर अल असद के देश छोड़ने के बाद सत्ता विद्रोही गुटों के हाथ में आ गई है। सेना के सरेंडर के साथ ही सीरिया से असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत हो गया। सीरियाई विपक्षी युद्ध निगरानी संस्था के प्रमुख ने असद के देश छोड़कर चले जाने की बात कही है। वहीं सीरियाई सेना कमांड ने भी राष्ट्रपति बशर अल-असद शासन के समाप्त होने का ऐलान कर दिया है। विद्रोदी गुटों ने इसे देश के लोगों की बड़ी जीत कहा है।

सीरियाई राज्य टीवी से भी विद्रोही गुट एचटीएस ने एक संदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार को उखाड़ फेंका गया है और जेल के सभी बंदियों को रिहा कर दिया गया है। अब देश में असद की सरकार नहीं है और दमिश्क आजाद है। विद्रोही गुट हयात तहरीर अल शाम (एचटीएएस) प्रमुख अबू मोहम्मद अल जुलानी फिलहाल सीरिया में सबसे अहम चेहरा बन गया है। जुलानी की अगुवाई में ही सीरिया में असद का तख्तापलट हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कही सत्ता ट्रांसफर की बात
दमिश्क पर कब्जे के बाद अबू जुलानी के नेतृत्व वाले विद्रोही गुट हयात तहरीर अल शाम (एचटीएश) ने कहा है कि बशर अल-असद के देश छोड़ने के बाद सार्वजनिक संस्थानों की बागडोर अब प्रधानमंत्री संभालेंगे। एचटीएस ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा है कि फिलहाल सैन्य बलों के दमिश्क के सार्वजनिक संस्थानों के करीब जाने पर रोक लगाई गई है।

सीरिया के प्रधानमंत्री गाजी जलाली ने भी बयान जारी करते हुए शासन की बागडोर शांतिपूर्ण तरीके से विपक्ष को सौंपने की बात कही है। जलाली ने कहा कि मुझे अपने देश से प्यार है और मैं कहीं नहीं गया हूं। उन्होंने सीरियाई नागरिकों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाने का आग्रह करते हुए कि सभी को मिलकर आगे बढ़ना है।

सीरिया में भारी उथलपुथल
सीरिया में इस समय भारी उपोपोह की स्थिति है। असद के देश छोड़ने का दावा है लेकिन उनके बारे में इससे ज्यादा कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में उनके बारे में कई तरह की अफवाह हैं। वहीं दमिश्क हवाई अड्डे को खाली करा लिया गया है और सभी उड़ानें रोक दी गई हैं। इससे दूसरे देशों से सीरिया का संपर्क टूट गया है। विद्रोदियों ने दमिश्क की सैदनाया सैन्य जेल में घुसकर वहां से कैदियों को निकाल लिया है, जिसने अराजकता को बढ़ा दिया है।

सीरियाई सेना के बारे में कहा जा रहा है कि वह फिलहाल कहीं नहीं दिख रहे हैं और पूरी तरह से विद्रोहियों का सड़क पर कब्जा है। कई शहरों से असद विरोधियों के जश्न की तस्वीरें सामने आई हैं तो वहीं जिहादी हयात तहरीर अल-शाम और अबू मोहम्मद अल जुलानी की कट्टरपंथी विचारधारा के चलते अल्पसंख्यकों और लिबरल लोगों में दहशत है।

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