नई दिल्ली:
किसानों ने दिल्ली कूच फिर से शुरू करने का एलान किया है। यह कूच आज शुरू हो गया है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं और कीलें भी लगाई हैं। किसानों को रोकने के लिए उनपर आंसू गैस के गोले भी छोड़े जा रहे हैं। किसान नेताओं ने सरकार की ‘बर्बरता’ की निंदा की है। किसानों के दिल्ली कूच से जुड़ी हर खबर के लिए देखते रहिए नवभारत टाइम्स.कॉम।
हम किसी भी तरह के बलिदान के लिए तैयार हैं- सरवन सिंह पंढेर
शंभू बॉर्डर पर, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर कहते हैं कि हमारे 101 किसानों और मजदूरों का ‘जत्था’पहुंच चुका है। हमने पहले ही सूची जारी कर दी है, अगर उन्होंने (पुलिस) तय किया है कि वे हमें आगे बढ़ने से पहले पहचान पत्रों की जांच करेंगे, तो उन्हें हमें बताना चाहिए कि हम उसका सहयोग करेंगे। हमने अनुशासन दिखाया है और ऐसा ही करते रहेंगे। वे आज अधिक आंसू गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि हवा की दिशा हमारी तरफ है। हम किसी भी तरह के बलिदान के लिए तैयार हैं। यही पीएम है जिनके पास हमारी समस्याओं का समाधान है,या तो वह इसे करते हैं या हमें दिल्ली मार्च करने दें।
किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए
किसानों का दिल्ली कूच शुरू हो गया है। देश की राजधानी की ओर बढ़ रहे किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी देखने को मिली। किसानों को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं। शंभू बॉर्डर पर एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि पुलिस के पास जो सूची है,वह गलत है। लिस्ट में यहां आने वाले किसानों का नाम नहीं है। हमने उनसे कहा है कि हमें आगे बढ़ने दें और हम उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाएंगे। पुलिस कह रही है कि किसानों के पास आगे बढ़ने की अनुमति नहीं है,तो हमें अपनी पहचान क्यों साबित करनी है? हम बातचीत के जरिए चीजों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं,लेकिन किसी भी तरह हम आगे बढ़ेंगे। मैंने पुलिस से कहा कि वे हरियाणा चले जाएं क्योंकि यह पंजाब की जमीन है।
मीडिया टीम को कोई रोक नहीं- पटियाला एसएसपी
शंभू बॉर्डर पर पटियाला के SSP नानक सिंह ने कहा कि मीडिया को नहीं रोका गया है। हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। लेकिन मीडिया को जानकारी देना ज़रूरी था। पिछली बार हमें पता चला था कि 3-4 मीडियाकर्मी घायल हो गए हैं। उससे बचने के लिए हमने मीडिया को जानकारी दी। हम कोशिश करेंगे कि ऐसा न हो,लेकिन अगर कोई घायल होता है,तो उसे निकालने के लिए हमारे पास मेडिकल टीम है। बता दें कि सरवन सिंह पंढेर ने आरोप लगाया था कि आज जिस तरह से मीडिया को रोका जा रहा है, मुख्यमंत्री और अरविंद केजरीवाल को आगे आकर इस पर सफाई देनी चाहिए। वे (AAP) कहते हैं कि वे किसानों और मजदूरों के साथ हैं, फिर वे मीडिया को क्यों रोक रहे हैं?
पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच बहस हो गई। पुलिस का कहना है कि उनके पास दिल्ली की ओर जाने की अनुमति नहीं है। इसी के साथ किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर से अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू कर दिया है।