नई दिल्ली,
सीरियाई विद्रोही बलों ने एक सप्ताह तक चले संघर्ष के बाद आखिरकार रविवार को राजधानी दमिश्क पर नियंत्रण का दावा किया है. हालांकि उन्हें सरकारी सैनिकों की ओर से कोई प्रतिरोध नहीं मिला. राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर भाग गए हैं जिसके बाद सीरियाई लोग दमिश्क स्थित राष्ट्रपति भवन में घुस गए और असद महल से सामान लूट लिया.
इसका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें दिख रहा है कि बड़ी संख्या में लोग राष्ट्रपति के महल में घुस गए हैं और वहां से सामान और कपड़े तक चुराकर अपने साथ ले जा रहे हैं. लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी नजर आ रही हैं. इन तस्वीरों ने श्रीलंका और अफगानिस्तान की याद दिला दी.
2022 में श्रीलंका में इसी तरह से प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन और पीएम हाउस में डेरा डाल दिया था. इसी तरह तालिबान ने जब अफगानिस्तान की सत्ता हासिल की थी तो तालिबानी समर्थकों ने राष्ट्रपति अशरफ के भवन में जाकर लूटपाट की थी.
सरकारी टीवी ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि असद सरकार का अंत हो गया है और सभी कैदियों को रिहा कर दिया गया है. दमिश्क में मस्जिदों और चौकों पर लोग जश्न मना रहे हैं. सीरियाई विपक्ष के सैन्य अभियान प्रशासन ने एक बयान में घोषणा की गई है कि जब तक सत्ता परिवर्तन नहीं हो जाता, तब तक देश की सरकार प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जाएगी.पूरे सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की मूर्तियों को गिराया जा रहा है और विद्रोही गुट तथा लोग हवा में फायरिंग करते हुए जश्न मना रहे हैं.
असद सरकार
बशर अल-असद के नेतृत्व वाली सीरियाई सरकार 2011 में शुरू हुए लंबे और विनाशकारी गृह युद्ध के केंद्र में रही है. अल-असद ने साल 2000 में सीरिया की सत्ता संभाली थी. वह उस परिवार से आते हैं जिसने 1970 के तख्तापलट के बाद से सीरिया पर शासन किया. वह अलावाइट्स हैं, जो शिया इस्लाम की एक शाखा है. अलावाइट्स सीरिया में अल्पसंख्यक हैं. बशर अल-असद ने शुरू में खुद को एक आधुनिक सुधारवादी नेता के रूप में पेश किया. लेकिन अरब स्प्रिंग के दौरान उन्होंने अपनी सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का जवाब क्रूर कार्रवाई के साथ दिया, जिससे देशव्यापी विद्रोह भड़क गया.
विद्रोहियों की जीत के क्या हैं मायने?
विद्रोहियों का कहना था कि उनका पहला लक्ष्य बशर अल-असद को सत्ता से हटाना है. लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि अब आगे क्या होगा. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अनिच्छा से ही, लेकिन असद को सीरिया के नेता के रूप में स्वीकार कर लिया था. अब विद्रोहियों के हाथों असद सरकार के पतन ने पहले से ही उथल-पुथल वाले इस क्षेत्र में और अधिक अनिश्चितता का खतरा पैदा कर दिया है.