नई दिल्ली,
एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ईवीएम को लेकर चल रहे विवाद के बीच सोलापुर के मर्करवाडी पहुंचे. यह वही गांव है, जहां ईवीएम वोटों के खिलाफ एक मॉक-पोल आयोजित की गई थी, जिसमें लोग बैलट से मतदान करना चाहते थे. इससे वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश में थे कि एनसीपी (एसपी) के उम्मीदवार को ईवीएम में मिले वोटों से ज्यादा वोट मिले हो सकते हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था, और ऐसा करने वालों पर मामले दर्ज किए थे.
शरद पवार ने मर्करवाडी में कहा कि पिछले दो-तीन दिनों से देख रहा हूं कि संसद में मर्करवाडी की चर्चा शुरू है. वो बोल रहे हैं कि देश में किसी को पता नहीं चली, लेकिन मर्करवाडी के लोगों को पता चल गई. उन्होंने कहा कि चुनाव में तकरार होती है लेकिन इतनी नहीं. शरद पवार ने अमेरिका और ब्रिटेन का उदाहरण दिया और कहा कि दुनिया के बड़े देशों में बैलट पेपर्स से वोटिंग होती है.
पूरी दुनिया बैलट से कर रही वोट, लेकिन…
एनसीपी के संस्थापक ने आगे कहा कि पूरी दुनिया बैलट पेपर से वोट कर रही है, लेकिन हम क्यों ईवीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस वोटिंग के बाद आप (मर्करवाडी के लोगों) में शंका आई और गांव ने फिर से वोटिंग करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने यहां क्यों बंद करा दिया. उन्होंने कहा, “मैं ईवीएम पर भाषण कर रहा हूं और मुझे रोक दिया, ये कैसी बात है. मुझे कुछ समझ नहीं आया.”
हमने तो नहीं कहा कि ईवीएम में दिक्कत है!
पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी ईवीएम विवाद पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में हमारे सीट कम हुई, तब हमने तो नहीं कहा था कि EVM में दिक्कत है. इन लोगों ने EVM वाला राग छोड़ देना चाहिए. चुनाव हारने के बाद ऐसी बात नहीं करनी चाहिए. इससे लोगों का विश्वास कम होता है. विपक्ष ने इसका स्वागत करना चाहिए.”
शरद पवार को हार स्वीकार करनी चाहिए- बीजेपी
शरद पवार के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेख बावनकुले ने कहा कि शरद पवार को अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए. उनका अभियान फेल कर गया है. लोगों ने उन्हें रिजेक्ट किया है. उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता और हमने उसे स्वीकार किया. वे ऐसा अगले चुनाव के लिए कर रहे हैं. वे लोकल चुनाव भी हारेंगे.