मीरापुर
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर पिछले महीने ही विधानसभा उपचुनाव संपन्न हुआ है। रालोद और भाजपा की संयुक्त प्रत्याशी मिथलेश पाल यहां से जीतकर अब माननीय बन गई हैं। मीरापुर सीट पर पिछले कई सालों से संघर्षरत मिथलेश को जीत नसीब होते ही आफत ने घेर लिया है। पांच साल पुराने एक मामले में कोर्ट ने मिथलेश सहित 14 लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। अब मिथलेश की विधायकी पर भी खतरा मंडराता नजर आ रहा है।
दरअसल मीरापुर से रालोद विधायक मिथलेश पाल सहित 14 लोगों पर कोर्ट ने आरोप तय किए हैं। आगामी 3 जनवरी को इस मामले में सजा सुनाई जाएगी। उन पर ट्रैफिक बाधित करने, बंधक बनाने से लेकर दंगा भड़काने तक का आरोप है। इसमें अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है। अगर ऐसा हुआ तो मिथलेश की विधायकी चली जाएगी।
एमपी-एमएलए अदालत के स्पेशल जज देवेंद्र सिंह फौजदार ने इस मामले में विधायक मिथलेश पाल और 14 अन्य पर दंगा भड़काने, गलत तरीके से बंधक बनाने जैसे आरोप तय किए हैं। इस मामले में सिविल लाइंस थाने में 25 फरवरी 2019 को केस दर्ज किया गया था। आरोपी के वकील के मुताबिक, विधायक और अन्य ने धनगर जाति को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर महावीर चौक के पास धरना दिया था और सड़क को जाम कर दिया था।
विधायक मिथलेश के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता (IPC) की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों के साथ दंगा करना) और 342 (बंधक बनाना) के तहत आरोप तय किए। अदालत ने इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि 3 जनवरी 2025 तय की है। 23 नवंबर को ही रिजल्ट में वह मीरापुर उपचुनाव में जीत हासिल कर विधायक बनी हैं।