बेंगलुरु में पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी करने वाले एआई इंजीनियर अतुल सुभाष का मामला इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. भारतीय जनता पार्टी की सांसद कंगना रनौत ने कहा कि इस तरह के मामले के आने के बाद रिव्यू तो करना ही चाहिए इस तरह की घटना से निपटने में लिए एक अलग बॉडी भी होनी चाहिए.
‘एक अलग बॉडी होनी चाहिए’
अतुल सुभाष का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. कंगना से पूछा गया कि क्या पीड़ित के आरोपों को रिव्यू करना चाहिए? उन्होंने जवाब दिया, ‘बिल्कुल, पूरा देश शॉक में भी है और शोक में भी है. उनका (अतुल) वीडियो दिल दहला देने वाला है… ये सब चीजें निंदनीय है. ऐसा नहीं होना चाहिए. युवाओं पर ऐसा बोझ नहीं होना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि एक अलग बॉडी होनी चाहिए. लेकिन एक गलत महिला का उदाहरण लेकर हम प्रताड़ित होने वाली महिलाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते. 99 प्रतिशत शादियों में पुरुषों का ही दोष होता है.’
अतुल के माता-पिता ने बेटे के लिए मांगा इंसाफ
अतुल सुभाष के माता-पिता और भाई उनका अस्थि कलश लेकर बुधवार शाम पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे. वहां अतुल के माता-पिता ने अपने बेटे के लिए इंसाफ की मांग की है. एयरपोर्ट पर रोते-रोते अतुल की मां बेहोश हो गईं. उससे पहले उन्होंने कहा, ‘मेरे बच्चे को बहुत टार्चर किया गया है. मेरे बुढ़ापे का सहारा चला गया.’
24 पन्नों का एक सुसाइड नोट और डेढ़ घंटे का वीडियो
अतुल सुभाष ने खुदकुशी से पहले 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट और करीब 1.5 घंटे का वीडियो अपने छोटे भाई और एक एनजीओ के व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किया था. उन्होंने लिखा था कि उनको न्याय मिलना चाहिए. यदि ऐसा नहीं होता है, तो उनकी अस्थियों को कोर्ट के सामने गटर में बहा दिया जाए. ताकि उनकी आत्मा को भी हमेशा लगे कि उनको इस सिस्टम से न्याय नहीं मिला है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अतुल ने कई लोगों को ईमेल के जरिए अपना सुसाइड नोट भेजा था.