लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन डीएमके सांसद ए. राजा के बयान से हंगामा मच गया। ए राजा ने सत्ता पक्ष के नेताओं को ‘बैड एलिमेंट्स’ (खराब तत्व) करार दिया, जिससे बीजेपी के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई और माफी की मांग की। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमारे नेताओं को ‘बैड एलिमेंट्स’ कैसे कह सकते हैं?” बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी ए. राजा से माफी मांगने की अपील की। इस हंगामे के बीच, उस समय सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहे जगदंबिका पाल ने कहा कि ए. राजा का बयान सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाएगा।
संविधान और हिंदू राष्ट्र पर क्या बोले ए राजा
ए. राजा ने अपने बयान में आरोप लगाया कि बीजेपी संविधान में बदलाव करने और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का इरादा रखती है। उन्होंने कहा, “भाजपा संविधान में बदलाव करेगी और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करेगी।” इस पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ए. राजा से अपने दावे को प्रमाणित करने को कहा। जोशी ने कहा, “आपके पार्टी के उपाध्यक्ष ने चुनावों से पहले कहा था कि अगर भाजपा को 400 सीटें मिलती हैं, तो वे संविधान में बदलाव करेंगे और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करेंगे।”
ए राजा ने विभाजन पर दिया बयान
इसके अलावा, ए. राजा ने 1947 में भारत के विभाजन के लिए वीर सावरकर को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सावरकर ने ही दो-राष्ट्र सिद्धांत की शुरुआत की थी, न कि मुहम्मद अली जिन्ना। उनके इस बयान पर भी लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ। बीजेपी के सांसदों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे इतिहास के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने जैसा बताया।
भाजपा ने किया तीखा विरोध
ए. राजा द्वारा ‘बैड एलिमेंट्स’ शब्द के इस्तेमाल पर बीजेपी के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। निशिकांत दुबे ने कहा कि ए. राजा को सदन की गरिमा को बनाए रखने के लिए माफी मांगनी चाहिए। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को नजरअंदाज किया। रिजिजू ने कहा, “कांग्रेस की नीति सीमा क्षेत्रों में सड़कें न बनाने की थी। उनका मानना था कि अगर सड़कें बनेंगी, तो चीनी सेना उन सड़कों का इस्तेमाल कर हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लेगी।”
किरण रिजिजू ने की चर्चा की शुरुआत
लोकसभा में संविधान पर चर्चा का दूसरा दिन था। पहले दिन इस चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी। दूसरे दिन की शुरुआत संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने की, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (शनिवार) को इस चर्चा में जवाब देंगे। विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी आज अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने लोकसभा में भारी हंगामे और तीखी बयानबाजी को जन्म दिया, जिससे संविधान पर चर्चा की गरिमा प्रभावित हुई।