नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपना भाषण दे दिया है। दो घंटे के करीब के इस भाषण में कई मुद्दों पर बात की गई, लेकिन केंद्र संविधान रहा। अब पीएम मोदी ने तो कांग्रेस पर निशाना साधा, नेहरू-इंदिरा का जिक्र किया और अपनी सरकार के काम भी गिनवाए। लेकिन इंडिया गठबंधन का रिएक्शन बता रहा है कि उनकी नजरों में पीएम मोदी का भाषण एक दम बोरिंग था, दिशाहीन था और उसमें तथ्य आधारित बात कम थीं।
प्रियंका गांधी क्या बोलीं?
पीएम मोदी के भाषण पर प्रियंका गांधी ने बोला कि प्रधानमंत्री जी ने एक नई बात नहीं कही… मैंने सोचा था प्रधानमंत्री कुछ नया बोलेंगे या कुछ अच्छा बोलेंगे… अगर भ्रष्टाचार के प्रति उनकी सरकार का जीरो टॉलरेंस है तो अडानी मामले पर बहस तो करें। वायनाड सांसद ने इस बात पर भी जोर दिया कि पीएम मोदी ने इस बार बोला जरूर दो घंटे, लेकिन उनका यह संबोधन काफी उबाऊ था।
अखिलेश यादव क्या बोले?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह बहुत लंबा भाषण था… आज हमें 11 जुमलों का संकल्प सुनने को मिला… जो परिवारवाद की बात कर रहे हैं उनके खुद के दल में (परिवारवाद)भरा पड़ा है… जातीय जनगणना को लेकर लगातार हम लोग आगे बढ़ रहे हैं और वो दिन आएगा जब जातिगत जनगणना भी होगी और आबादी के हिसाब से लोगों को अधिकार और सम्मान भी मिलेगा।
इकरा हसन क्या बोलीं?
सपा ही दूसरी युवा नेता इकरा हंसन ने पीएम के संबोधन पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर बोला कि हम निराश हैं कि उन्होंने (पीएम मोदी) संविधान के बारे में बात की लेकिन उन्होंने संभल, यूपी में कानून और व्यवस्था की स्थिति, अल्पसंख्यकों के अधिकार और मणिपुर मुद्दे पर कुछ नहीं कहा… उन्होंने लोगों के मुद्दों को संबोधित नहीं किया।
टीएमसी ने क्या बोला?
दक्षिण भारत से आने वाले कांग्रेस नेता मल्लू रवि को इस बात पर आपत्ति हुई कि पीएम ने सिर्फ नेहरू-गांधी का जिक्र किया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बोला कि वे जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी के खिलाफ बोल रहे हैं…वे केवल गांधी परिवार के बारे में बात कर रहे हैं जिसने इस देश को आजादी और संविधान दिलाया…हम इससे परेशान हैं। एक जारी बयान में ममता बनर्जी की पार्टी ने भी पीएम मोदी के संबोधन पर निराशा व्यक्त की। कहा गया कि मणिपुर पर शांत रहने के लिए पीएम मोदी ने संकल्पों का जिक्र कर दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कई मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने सबसे ज्यादा निशाना गांधी परिवार पर ही रखा।