– विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- भोपाल में आवश्यक था भोजपाल महोत्सव मेला
– भोजपाल महोत्सव मेले में दी जा रही रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति
भोपाल.
राजधानी के भेल दशहरा मैदान पर चल रहे भोजपाल महोत्सव मेला मंच पर शुक्रवार को अधिरोहा बैंड के कलाकारों द्वारा सुमधुर गीतों की प्रस्तुति दी गई। मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। विधानसभा अध्यक्ष ने मेले के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह मेला हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। हमारी भारतीय संस्कृति में मेले का अद्भुत महत्व है। देश भर में बड़ी सी बड़ी और छोटी सी छोटी जगह पर मेले का आयोजन किया जाता है। मेले के माध्यम से संस्कृतियों, बोलियों का मिलन होता है। मेला एक दूसरे से मेल-मिलाप का मौका देता है। जिससे हम वर्षों से नहीं मिल पाते उससे इन मेलों में पहुंचकर मिल पाते हैं। राजाभोज के नाम पर मेला आयोजित करने वाले संयोजक विकास वीरानी और अध्यक्ष सुनील यादव की कल्पना को सलाम करता हूं। मेला आयोजकों के लिए बहुत बधाई। भोजपाल महोत्सव मेला भोपाल में अति आवश्यक था। इस मौके पर मेला अध्यक्ष सुनील यादव, संयोजक विकास विरानी, महामंत्री हरीश कुमार राम, उपाध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी, सुनील शाह, महेंद्र नामदेव, अखिलेश नागर, विनय सिंह, सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
लकड़ी का झूला देखा तो भगोरिया की याद आ गई: मंत्री निर्मला भूरिया
गुरुवार को मेला देखने पहुंची महिला एवं बाल विकास कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि यह मेला हमें एक दूसरे से जोड़कर रखते हैं। हमारे सांस्कृतिक धरोहर को जोडऩे का काम करते हैं। इतने बड़े मेले की व्यवस्था करना और आने वाले लोगों को व्यवस्था देने में बड़ी टीम और उसकी मेहनत लगती है। इतना बड़ा, भव्य और व्यवस्थित मेला पहली बार देखा। यहां लकड़ी का झूला देखा तो हमें भगोरिया की याद आ गई। सदियों की परंपरा रही है कि यह विभिन्न तरह के मेले और आयोजन हमें जोडऩे का काम करते हैं और जोड़कर रखते हैं। यहां विभिन्न तरह की सामग्री है। महिलाओं के लिए भी स्टाल लगे हुए हैं। इस आयोजन के लिए मेला अध्यक्ष सुनील यादव, संयोजक विकास वीरानी, महामंत्री हरीश कुमार राम सहित पूरी मेला टीम को बधाई।
मेला अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि मेले में रोजाना बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के मनोरंजक और सांस्कृतिक आयोजन किए जा रहे हैं। मेला मंच पर विभिन्न राज्यों के लोकनृत्य कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जा रही है। मेला मंच पर स्थानीय और उभरते कलाकारों को भी मौका दिया जा रहा है, ताकि वे अपनी प्रतिभा को निखर सकें।