मेला मंच पर 80 कलाकारों ने बिखेरी दक्षिण भारत की सांस्कृतिक छटा

– भोजपुरी सिंगर गुंजन सिंह और निशा उपाध्याय की प्रस्तुति आज
– भोजपाल महोत्सव मेले में दी जा रही रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति

भोपाल

राजधानी के भेल दशहरा मैदान पर चल रहे भोजपाल महोत्सव मेला मंच पर शनिवार को कलांजलि ग्रुप द्वारा दक्षिण भारतीय लोक नृत्यों की प्रस्तुति दी गई। इसमें 80 कलाकारों ने दक्षिण भारत के अलग-अलग राज्यों केरल, तमिलनाडु, उड़ीसा, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों की प्रस्तुति दी गई। इसमें गणेश पुष्पांजलि, काली नृत्य, नृत्याति नृत्याति, केरल लोक आदिवासी नृत्य, तमिल लोक नृत्य, मोहिनीयाट्टम, तेलुगु लोक नृत्य, थिय्यम, वासुदेव कुटुम्बकम और ग्रैंड फिनाले की प्रस्तुति दी गई। रविवार को भोजपुरी सिंगर गुंजन सिंह और निशा उपाध्याय भोजपुरी गीतों की प्रस्तुति देंगी। मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर मेला अध्यक्ष सुनील यादव, संयोजक विकास विरानी, महामंत्री हरीश कुमार राम, उपाध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी, सुनील शाह, महेंद्र नामदेव, अखिलेश नागर, विनय सिंह, केश कुमार शाह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

मेला अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि मेले में रोजाना बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के मनोरंजक और सांस्कृतिक आयोजन किए जा रहे हैं। मेला मंच पर विभिन्न राज्यों के लोकनृत्य कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जा रही है। मेला मंच पर स्थानीय और उभरते कलाकारों को भी मौका दिया जा रहा है, ताकि वे अपनी प्रतिभा को निखर सकें।

‘चुम्मा मांगे मास्टरवा मैट्रिक पास करेके गुंजन सिंह
भोजपाल महोत्सव मेले में भोजपुरी सिंगर गुंजन सिंह और निशा उपाध्याय द्वारा रविवार को भोजपुरी गीतों की प्रस्तुति दी जाएगी। बिहार के नवादा जिला के रहने वाले गुंजन सिंह ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत 2013 में भोजपुरी भक्ति एल्बम से की थी। उन्हें पहचान 2016 में आए उनके गाने ‘चुम्मा मांगे मास्टरवा मैट्रिक पास करेकेÓ से मिली। साल 2017 में भोजपुरी फिल्म नसीब से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। उन्होंने साल 2018 मे अभिनेत्री अंजना सिंह और निशा दुबे के साथ भोजपूरी फिल्म खुददारी की। गुंजन सिंह ने उड़ान और बलम रंगबाजी जैसी भोजपुरी फिल्मों में भी काम किया है।

हंसी हंसी जान मारेला
भोजपुरी गायिका निशा उपाध्याय बिहार के सारन स्थित गांव गौर बसंत की रहने वाली हैं। उन्हें 4 साल की उम्र में ही गाना गाने का शौक होने लगा था। इंटरमीडिएट तक पढ़ाई पूरी करने के बाद निशा ने सिंगिंग में अपने करियर की शुरुआत कर दी थी। उन्होंने अपनी शानदार आवाज से लोगों के बीच अपनी खूब पहचान बनाई है। निशा अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में परफॉर्म करती हैं। निशा गीतों में- नवकर मंत्र, हंसी हंसी जान मारेला और गुजराती गरबा फेमस सॉन्ग ढोलिड़ा ढोल रे वगाड़ शामिल हैं।

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