बीजिंग:
चीन ने शनिवार को अपने तेजी से बढ़ती सैन्य शक्ति पर अमेरिका की हालिया रिपोर्ट की निंदा की है। पेंटागन की इस रिपोर्ट में चीन को दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन तेजी से अपनी सैन्य शक्ति बढ़ा रहा है और उसके हाइपरसोनिक हथियार दुनिया में उसकी पहुंच का विस्तार कर रहे हैं। इस पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका को ही दुनिया की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया है। यह पहली बार नहीं है कि पेंटागन के रिपोर्ट में चीन को अमेरिका समेत पूरी दुनिया के लिए खतरा बताया गया है। चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है।
अमेरिका को बताया वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा
चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के पास खुद एक तेजी से टकराव वाली सैन्य रणनीति है जो इसे वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बना रही है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने वीचैट पर कहा, “सबूत बताते हैं कि अमेरिकी सैन्य रणनीति तेजी से टकराव वाली, आक्रामक और दुसाहसिक होती जा रही है। युद्ध का आदी अमेरिका अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सबसे बड़ा विध्वंसक और वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है।”
दुनिया में सरकारें गिराने का लगाया आरोप
झांग ने अमेरिका पर अपनी सैन्य श्रेष्ठता का फायदा उठाकर “अपने एकध्रुवीय आधिपत्य को बनाए रखने, जबरन सत्ता परिवर्तन करने और ‘रंग क्रांतियों’ को भड़काने” का आरोप लगाया। चीनी रक्षा प्रवक्ता ने सीरिया, इराक और अफगानिस्तान को इस बात का उदाहरण बताया कि कैसे अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेपों ने मानवीय आपदाओं और सैकड़ों हजारों लोगों की मौतों को जन्म दिया है।
अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट में क्या लिखा है?
अमेरिकी रक्षा विभाग ने 18 दिसंबर को कांग्रेस द्वारा अधिकृत रिपोर्ट जारी की, जिसमें आरोप लगाया गया कि चीन “एक महत्वपूर्ण, लगातार साइबर-सक्षम जासूसी और हमले का खतरा” पेश करता है। इसने दावा किया कि चीन के परिचालन परमाणु हथियारों का भंडार 2024 के मध्य तक 600 से अधिक हो गया और 2030 तक 1,000 से ऊपर होने का अनुमान है। माना जाता है कि चीन, अमेरिका के साथ बढ़ती रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के बीच अपने परमाणु बलों का तेजी से विस्तार कर रहा है। साथ ही, पेंटागन ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए चीन के साथ संचार की खुली लाइनें बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है कि प्रतिस्पर्धा संघर्ष में न बदल जाए।